उदयपुर। मोहनालाल सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय में आज कर्मचारियों ने कुलपति के आश्वासन के बाद हड़ताल खत्म कर दी। ये सभी कर्मचारी एसएफएबी बोर्ड से जुड़े हुए हैं। कर्मचारियों ने वीसी मौखिक और अधिकारियों के लिखित आश्वासन के बाद हड़ताल वापस ली। इससे पहले उन्होंने 16 दिन तक विवि के प्रशासनिक कार्यालय में मौन प्रदर्शन किया। कर्मचारियों का 16 दिन का मौन प्रदर्शन सुविवि प्रशासन पर इतना भारी पड़ गया कि उसकी बोलती बंद हो गई। परीक्षाओं के दौरान हालत ऐसी हो गई कि एक के बाद एक आदेश जारी किए गए और स्थायी कर्मचारियों के अवकाश तक रद्द कर दिए गए। मगर तब भी बात नहीं बनी और परीक्षाएं 30 मार्च तक के लिए स्थगित करनी पड़ी। इसके बाद कई वार्ताओं के दौर, प्रशासनिक व राजनीतिक दबाव के बाद अब एक बार फिर सरकारी फरमान आज शाम को जयपुर से चलकर आया, जिसमें घुमा-फिरा कर सरकारी शब्दों वाली पारम्परिक रूप से कानूनी गलियों वाली घुमावदार भाषा में पूर्व के आदेशों में संशोधन किया गया है। सीधी बात कहें तो कर्मचारियों को बहाल कर दिया गया है। सबसे खास बात कि जयपुर से भी वही बात लिखकर आई है जो यहां कर्मचारी पहले ही दिन से प्रशासनिक अधिकारियों को समझा-समझा कर थक रहे थे लेकिन वे समझना ही नहीं चाह रहे थे। जयपुर के इस आदेश से यह साफ हो गया है यदि पहले वाले आदेश के क्रम में सही जवाब दिया जाता तो यह नौबत ही नहीं आती। कर्मचारियों को आखिर क्यों व किस आधार पर संविदाकर्मी माना गया, यह बड़ा सवाल है क्योंकि सबको पता था कि इनका चयन पहले से एसएफएबी बोर्ड से हुआ है जो कानूनन सही भी है। यदि पहले ही सही कानूनी राय ली जाती तो कर्मचारियों को हड़ताल नहीं करनी पड़़ती और बच्चों को परीक्षाएं रदï्द होने से होने वाले बड़े नुकसान से बचाया जा सकता था।
जयपुर से जारी हुई उच शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव की चिट्ठी
उच्च शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव डॉ. अनुज सक्सेना की ओर से कुलसचिव, मोहनलाल सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय को भेजे पत्र में सुविवि के सम्बद्ध महाविद्यालयों में संचालित स्व-वित्तपोषित पाठ्यक्रमों के लिए मानव संसाधन की सेवाएं (अशैक्षणिक मंत्रालयिक एवं चतुर्थ श्रेणी) प्राप्त किये जाने की अनुमति दे दी है।
विभाग की ओर से समसंख्यक पत्र दिनांक 18.03.2024 तथा पत्र कमांक 839 दिनांक 20.03.2024 तथा 849 दिनांक 01.04.2024 के क्रम में संदर्भित पत्रों द्वारा प्राप्त प्रस्ताव एवं विभाग के पत्र 18.3.2024 की निरन्तरता में सुखाडिया विश्वविद्यालय, उदयपुर में सम्बद्ध महाविद्यालयों में संचालित स्व-वित्तपोषित पाठ्यक्रमों के लिए मानव संसाधन की सेवाएं (अशैक्षणिक मंत्रालयिक एवं चतुर्थ श्रेणी) प्राप्त किये जाने के प्रस्ताव पर विभागीय टिप्पणी की गई है। इनमें पहली टिप्पणी यह है कि विश्वविद्यालय इस हेतु प्रचलित आरटीपीपी एक्ट/रूल की पूर्ण पालना सुनिश्चित करते हुए वित्त विभाग के स्तर से जारी परिपत्रों के अनुसार न्यूनतम आवश्यकता का निर्धारण करते हुए मानव संसाधन की सेवाएं प्राप्त करें। जिसका संपूर्ण व्यय विश्वविद्यालय द्वारा स्व-वित्तपोषित पाठ्यक्रम से प्राप्त आय से वहन किया जाएगा। दूसरी टिप्पणी यह है कि यदि रिक्त पदों के विरूद्ध संविदा सेवाएं प्राप्त की जानी है. तो इस संदर्भ में आरएपीएसएआर एक्ट की पालना सुनिश्चित करते हुए प्रस्ताव प्रेषित करें। यह स्वीकृति वित्त विभाग से उनकी आई.डी. संख्या 152400837 दिनांक 05.04. 2024 द्वारा प्राप्त सहमति के अनुसरण में जारी की जाती है।
सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय हड़ताल में अपडेट : राज्य सरकार ने जारी किया आदेश

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