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सुखाड़िया-यूनिवर्सिटी के दीक्षांत में राष्ट्रपति ने छात्रों से कहा- ऐसा कोई काम ना करें जिससे उनके चरित्र पर दाग लगे

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24 न्यूज अपडेट. उदयपुर। देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के 32वें दीक्षांत समारोह में शिरकत की। उन्होंने उन्होंने छात्रों से कहा कि ऐसा कोई काम ना करें जिससे उनके चरित्र पर दाग लगे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के विवेकानंद ऑडिटोरियम मुख्य अतिथि के रूप में कहा कि यह तेजी से बदलाव का समय है, जो ज्ञान, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भी हो रहा है। उन्होंने छात्रों को हमेशा “छात्र भावना” बनाए रखने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि निरंतर कड़ी मेहनत और समर्पण उनके जीवन भर काम आएगा। राष्ट्रपति ने छात्रों को अपनी महत्वाकांक्षाओं और सामाजिक संवेदनशीलता के बीच संतुलन बनाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि संवेदनशीलता एक स्वाभाविक गुण है। कुछ लोग अपने परिवेश, शिक्षा और मूल्यों के कारण अंधे स्वार्थ का रास्ता अपना लेते हैं। उन्होंने कहा कि दूसरों का भला करने से ही अपना कल्याण होता है। राष्ट्रपति ने विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे ऐसा कोई काम न करें जिससे उनके चरित्र पर दाग लगे। उन्होंने कहा कि उच्चतम नैतिक मूल्यों को उनके व्यवहार और कार्यशैली का हिस्सा होना चाहिए । उनके जीवन के हर पहलू में ईमानदारी होनी चाहिए। उनका हर कार्य न्यायपूर्ण और नैतिक होना चाहिए। राष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षा सशक्तिकरण का सबसे अच्छा माध्यम है। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय छह दशकों से अधिक समय से उच्च शिक्षा प्रदान कर रहा है। विश्वविद्यालय में बड़ी संख्या में छात्र अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदायों से हैं। उन्होंने कहा कि समावेशी शिक्षा के माध्यम से सामाजिक न्याय की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण योगदान है। आज बेटियां सभी क्षेत्र में श्रेष्ठ प्रदर्शन कर रही हैं। वे समाज और राष्ट्र के लिए आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि राणा सांगा, महाराणा प्रताप और मीरा का का यह क्षेत्र शक्ति और भक्ति का संगम है। मुझे बताया गया कि आज मैडल पाने वालों में बेटियों की संख्या ज्यादा है। छात्र तो बधाई के हकदार हैं ही लेकिन बेटियों को भी मेरी तरफ से हार्दिक शुभकामनाएं। इससे पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का डबोक एयरपोर्ट पर स्वागत करते राज्यपाल हरिभाऊ किसनराव बागड़े ने किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता राज्यपाल हरिभाऊ किसनराव बागड़े ने की। कार्यक्रम में पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाबचंद कटारिया, उपमुख्यमंत्री और उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा अतिथि के तौर पर उपस्थित थे। इससे पहले कुलपति प्रोफेसर सुनीता मिश्रा ने स्वागत करते हुए प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।
102 में से 69 छात्रों को गोल्ड मेडल
समारोह में 85 विद्यार्थियों को 102 गोल्ड मेडल दिए गए जिसमें 16 छात्र और 69 छात्राएं शामिल हैं। गोल्ड मेडल में 8 चांसलर मेडल भी शामिल हैं। जिसमें 2 छात्र और 6 छात्राएं हैं। हर साल दिए जाने वाले स्पॉन्सर गोल्ड मेडल के क्रम में डॉ. सीबी मामोरिया, प्रो विजय श्रीमाली, प्रो आरके श्रीवास्तव, विजय सिंह देवपुरा, पीसी रांका, प्रो ललित शंकर-पुष्पा देवी शर्मा स्मृति में गोल्ड मेडल हैं। इसके अलावा कुल 68 विद्यार्थियों को पीएचडी की उपाधि प्रदान की जाएगी जिसमें 35 छात्राएं और 33 छात्र शामिल रहेंगे। पीएचडी डिग्रियों में विज्ञान और सामाजिक विज्ञान संकाय में 16-16, वाणिज्य में 14 संकाय में 16 प्रबंधन और विधि में 1-1, मानविकी संकाय में 10, पृथ्वी विज्ञान संकाय में 3 और शिक्षा संकाय में 7 विद्यार्थी शामिल हैं।

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