-राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी और निर्दलीय सांसद पप्पू यादव के खिलाफ कार्रवाई की मांग
-कांग्रेस नेताओं ने पूरे देश के आदिवासियों का अपमान किया है: मन्नालाल रावत
24 न्यूज़ अपडेट उदयपुर। देश की पहली आदिवासी राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू को लेकर कांग्रेस की राज्यसभा नेत्री सोनिया गांधी और निर्दलीय सांसद पप्पू यादव द्वारा दिए गए बयानों को लेकर राज्यसभा एवं लोकसभा के जनजाति सांसदों ने सोमवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला एवं राज्यसभा के सभापति व उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड को ज्ञापन दिया। सांसदों ने इन दोनों नेताओं के खिलाफ उचित कार्रवाई की मांग उठाई।
जनजाति सांसदों के इस दल का नेतृत्व वरिष्ठ सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते ने किया, जिसमें उदयपुर के सांसद मन्नालाल रावत भी शामिल थे। प्रतिनिधिमंडल में राजस्थान मध्य प्रदेश गुजरात महाराष्ट्र छत्तीसगढ़ उड़ीसा तेलंगाना नागालैंड, सिक्किम, आसाम, अरुणाचल प्रदेश, वेस्ट बंगाल सहित भारत भर के राज्यसभा एवं लोकसभा से चुने गए जनजाति सांसद उपस्थित रहे। सांसदों ने कहा कि राज्यसभा नेत्री सोनिया गांधी और निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने आपत्तिजनक एवं दुर्व्यवहार पूर्ण टिप्पणी कर राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू के साथ ही पूरे देश के जनजाति समुदाय का अपमान किया है।
सांसद मन्नालाल रावत ने कहा कि कांग्रेस द्वारा राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपदी मुर्मू का लगातार अपमान किया जा रहा है। आदिवासी विरोधी यह प्रवृत्ति उनकी क्रोनिक मानसिक बीमारी है। देश पूछता है कि कांग्रेस को आखिर आदिवासियों से इतनी नफरत क्यों है? यह कांग्रेस, कांग्रेस के नेताओं और इंडिक गठबंधन स्पष्ट करें, कि क्या यही आपको बुरा लगता है कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने एक आदिवासी बेटी, एक प्रतिभावान बेटी को देश का प्रथम नागरिक बनाया?
सांसद श्री रावत ने कहा कि राष्ट्र की पहली आदिवासी राष्ट्रपति का अपमान करके कांग्रेस पाप कर रही है। कांग्रेस और इंडी-गठबंधन के लोग लगातार भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू का अपमान करते हुए इस देश के संविधान,नागरिकों व आदिवासियों का अपमान कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता एक बार नहीं, कई बार राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू का अपमान कर रहे हैं। सोनिया गांधी ने 2025 के बजट सत्र के पहले दिन भारत के राष्ट्रपति का अपमान किया, उनके बारे में यह कहते हुए मजाक उडाया कि बेचारी महिला भाषण के अंत तक थक चुकी है।
संसद को मनोरंजन मानने वाले राहुल गांधी ने राष्ट्रपति के भाषण को बोरिंग कहा, जबकि पप्पू यादव ने इसे प्रेम पत्र कहकर खारिज कर दिया। 2025 में, राहुल गांधी ने कहा कि राष्ट्रपति मुर्मू राम मंदिर में प्रवेश नहीं कर सकतीं क्योंकि वह आदिवासी हैं, जबकि यह तथ्य है कि राष्ट्रपति 2024 में राम मंदिर गए थे और सरयू घाट पर महाआरती में भी शामिल हुए थे। 2024 में, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने संविधान दिवस पर संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते समय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का अभिवादन तक नहीं किया। 2022 में, कांग्रेस नेता अजय कुमार ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का मज़ाक उड़ाते हुए व्यंग्यात्मक टिप्पणी की और कहा कि वह सुश्री मुर्मू, भारत के एक बुरे दर्शन का प्रतिनिधित्व करती हैं और उन्हें भारत का आदिवासी प्रतीक नहीं बनाया जाना चाहिए।
2022 में, एक टीवी चैनल से बात करते हुए, अधीर रंजन चौधरी ने राष्ट्रपति मुर्मू के लिए राष्ट्रपत्नी शब्द का इस्तेमाल किया था। 2022 में, पश्चिम बंगाल के मंत्री अखिल गिरी को एक रैली में राष्ट्रपति मुर्मू के रूप पर टिप्पणी करते हुए सुना गया था। उनकी टिप्पणी थी कि मैं अच्छा नहीं दिखता, हम किसी का भी उसके रूप-रंग से आकलन नहीं करते, हम राष्ट्रपति के पद का सम्मान करते हैं, लेकिन हमारे राष्ट्रपति कैसे दिखते हैं?
सांसद श्री रावत ने कहा कि ये कांग्रेस नेताओं के ये बयान दिखाते हैं कि एक आदिवासी राष्ट्रपति और आदिवासियों के प्रति उनकी किस तरह की भावना है।

