24 न्यूज अपडेट उदयपुर। नागरिकता संशोधन कानून के तहत भारत की नागरिकता देने की प्रक्रिया राजस्थान में आज से शुरू हो गई है। सीएए के तहत नागरिकता के लिए अप्लाई करने वाले 5 लोगों का डॉक्युमेंट वेरिफिकेशन किया गया। इस दौरान लोगों ने पाकिस्तान में रहने समय के अपने हालात बयां किए। उन्होंने बताया- वहां हमें पढ़ाया गया कि हिंदू इंसान नहीं है। इन्हें पत्थर मारने चाहिए। पानी पीने के लिए भी दूसरों पर निर्भर रहना पड़ता था। इधर, उदयपुर में अब तक केवल 11 लोगों ने आवेदन किया है कुल 109 जने नागरिकता लेने की कतार में है। इनमें से वे लोग हैं जो 2005 के बाद भारत आए हैं। अब केवल 11 जनों के फार्म ही आगे जा रहे है। बाकी को सीआईडी ऑफिस में जाकर फार्म भरना होगा। अब तक 98 लोगों ने आवेदन ही नहीं किया है। वे आवेदन करेंगे तो ही नागरिकता मिलेगी। नागरिकता के फार्म यदि समय पर नहीं भरे तो बाद में चूक जाएंगे। इनमें से अधिकतर सिंध या बलूचिस्तान से आए हुए सिंधी समाज के लोग हैं। इससे पहले कहा जा रहा था कि आचार संहिता के कारण काम रूका हुआ है मगर जयपुर में आवेदन प्रोससे आगे बढने के बाद अब उदयपुर में भी उम्मीद जगी है। हालांकि पहल नागरिकता पाने वालों को ही करनी होगी। जानकार अपील कर रहे हैं कि आपके फायदे की चीज है व काम से समय निकला कर जल्दी आवेदन करें तो बेहतर रहेगा। इनमें से कुछ 2011 में, कुछ 2009 में भी भारत आए हैं। 31 दिसंबर 2014 से पहले पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश से धार्मिक आधार पर प्रताड़ित होकर भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को नागरिकता दी जाएगी। इन तीन देशों के लोग ही नागरिकता के लिए आवेदन कर सकेंगे। बताया गया कि राजस्थान गवर्नमेंट ने दो बार शिविर लगाए लेकिन बात नहीं बनी। जयपुर से टीम भी आई व समझाया मगर लोग प्रोसेस देख कर चले गए व सभी एक साथ फार्म लेकर नहीं आए। अब प्रशासनिक स्तर पर समाज को साथ लेकर एक और बडे प्रयास की जरूरत है।
इधर, जयपुर में संजय सर्किल स्थित पोस्ट ऑफिस में केंद्र सरकार की ओर से तय कमेटी ने नागरिकता देने के लिए तीन भाई-बहन विनोद कुमार, राहुल कुमार, रेखा देवी के डॉक्युमेंट वेरिफिकेशन किए। इनके साथ दिलीप कुमार और डॉक्टर लालचंद को भी भारत की नागरिकता देने का प्रोसेस आज से शुरू किया। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत से परिवार के साथ साल 2013 में राजस्थान आने वाले लालचंद ने बताया- उन्होंने अप्रैल में सीएए के तहत आवेदन किया था। जिन्हें डॉक्युमेंट वेरिफिकेशन के लिए बुलाया है। जयपुर जिले से कुल 151 आवेदन आए हैं। कमेटी के चेयरमैन और जयपुर डिवीजन डाक विभाग के सीनियर सुपरिंटेंडेंट ऑफ पोस्ट (एसएसपी) मोहन सिंह मीणा ने बताया- जयपुर जिले के लिए यह कमेटी बनाई गई है। इस कमेटी में 7 सदस्य है। कमेटी डॉक्युमेंट का सत्यापन कर रही है। आज जयपुर जिले में सबसे पहले पाक विस्थापित रेखा देवी के डॉक्युमेंट का सत्यापन किया। हमने पहले दिन कुल 5 लोगों को बुलाया। पाक विस्थापितों के करीब 151 आवेदन जयपुर जिले से प्राप्त हुए हैं। उनमें से 65 लोगों को अपॉइंटमेंट दे दिया है।
सीएए के तहत पूरी प्रक्रिया को ऑनलाइन कर दिया गया है। पहले इस प्रक्रिया में बहुत समय लगता था। अब डॉक्युमेंट सत्यापन के समय ही भारत के प्रति निष्ठा की शपथ दिलवाई जा रही है। जो पहले अंतिम समय में होती थी। अब डॉक्युमेंट सत्यापन के बाद सर्टिफिकेट जारी कर नागरिकता दे दी जाएगी। उन्होंने बताया- पहले की प्रोसेस में पाकिस्तान दूतावास जाकर पाकिस्तानी पासपोर्ट जमा करवाना होता था। वहीं, पाकिस्तान की नागरिकता छोड़ने का प्रमाण-पत्र भी लेना पड़ता था। लेकिन अब यहीं पर पासपोर्ट जमा हो जाएगा। नागरिकता छोड़ने का प्रमाण-पत्र भी नहीं देना पड़ेगा। मई माह में पाक विस्थापितों को नागरिकता मिलना शुरू हो जाएगी। डिस्ट्रिक्ट लेवल कमेटी के बाद अब स्टेट लेवल कमेटी नागरिकता प्रमाण-पत्र देने का काम करेगी।
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