24 न्यूज अपडेट उदयपुर। मुख्यमंत्री जल स्वालम्बन योजना 2.0 के तहत कार्यों के प्रस्ताव भिजवाने में देरी होने पर जिला परिषद सीईओ कीर्ति राठौड़ ने कड़ी नाराजगी जताते हुए सम्बंधित अधिकारियों को शीघ्र प्रस्ताव भिजवाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सात दिन में कुछ भी काम नहीं किया है। गजब का कंफ्यूजन कर रखा है। जिला कलक्टर अरविंद पोसवाल के निर्देशानुसार इस कार्य में कोताही बरतने वालों के विरुद्ध नियमानुसार अनुशासनात्मकर कार्रवाई की जाएगी। सोमवार को जिला परिषद सभागार में उदयपुर व सलूम्बर जिले की पंचायत समितियों के विकास अधिकारियों, अभियंताओं एवं अन्य सम्बंधित अधिकारियों की बैठक में जिला परिषद सीईओ ने योजना की प्रगति की समीक्षा की। आवंटित 2248 कार्यों के लक्ष्य के विरूद्ध बहुत ही कम कार्यों के प्रस्ताव प्राप्त होने को गंभीरता से लेते हुए संबंधित अधिकारियों को शेष प्रस्ताव शीघ्र भिजवाने के निर्देश दिए। सिर्फ जयसमंद, झाड़ोल, झल्लारा, लसाड़िया व सायरा पंचायत समितियों की प्रगित संतोषप्रद रही। उन्होने कहा कि यह योजना राज्य सरकार की प्राथमिकता में सम्मिलित योजना है जिसमें किसी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होने पंचायती राज, ग्रामीण विकास, जलग्रहण, वन विभाग आदि के कार्यों की वर्गीकृत सूची तैयार करने को कहा और प्रस्तावित कार्यों की लोकेशन संबंधित किसी भी विसंगित को दूर करने के लिए विभागीय समन्वय पर जोर दिया। राठौड़ ने कहा कि स्टेट फंड से जुड़े कार्यों की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति जारी करते हुए कार्यादेश शीघ्र जारी किए जाएं ताकि कार्य प्रारम्भ हो सके। जिला परिषद अतिरिक्त सीईओ अंजुम ताहिर सम्मा, पंचायत समितियों के विकास अधिकारी, जलग्रहण विभाग के अभियंता, शिक्षा विभाग, आईसीडीएस, राजीविका आदि विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
सीईओ का रौद्र कार्मिक रूप, बोली-गजब कंफ्यूजन कर रखा है, सात दिन तक कुछ काम नहीं किया

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