24 न्यूज अपडेट. चित्तौड़गढ़। भगवान श्री सांवलिया सेठ को दो भक्तों ने मिलकर धनतेरस पर पालकी और रथ भेंट किए। इनमें चांदी का शानदार वर्क किया है। रथ और पालकी का वजन 460 किलो है जिसमें से 23 किलो चांदी का वर्क किया गया हैं। दोनों भक्तों ने अपना नाम गुप्त रखा है लेकिन वहां मौजूद लोगों ने कहा कि वे गुजराती है। धनतेरस के लिए मन्नत मांगी थी जो आज आकर पूरी की। शुभ अवसर पर ठाकुर जी को यह भेंट की। खास बात यह रही कि दोनों भक्त भेंट देने के लिए खुद नहीं आए, भेंट सुमेरपुर के सुनार के हाथों ही मंगलवार को सांवलिया जी पहुंचाई गई। मंदिर मंडल को भी काफी समय से एक छोटे रथ की जरूरत थी, जो अब पूरी हो गई है। इस अवसर पर भेंट करने आए सुनार का भव्य स्वगत किया गया। इस रथ पर दीपावली के बाद देवउठनी ग्यारस पर 12 नवंबर को ठाकुर जी के बाल विग्रह को नगर भ्रमण पर लेकर जाया जाएगा। मंदिर मंडल के अनुसार मंदिर मंडल के पास एक बड़ा रथ है। हर ग्यारस पर ठाकुर जी को नगर भ्रमण के लिए लेकर जाया जाता है। ऐसे में एक छोटे रथ और पालकी की जरूरत थी। दीपावली के बाद देवउठनी ग्यारस 12 नवंबर को ठाकुर जी के बाल विग्रह को नगर भ्रमण पर लेकर जाया जाएगा। उस दौरान इस छोटे रथ और पालकी में ही उन्हें लेकर जाया जाएगा। भक्तों द्वारा भेंट किए गए रथ और पालकी से काफी सुविधा हो जाएगी।पालकी में 80 किलो लकड़ी में 15 किलो चांदी लगी हुई है। मीनाकारी का शानदार वर्क किया हुआ है। देवउठनी एकादशी को ठाकुरजी के बाल विग्रह को विराजित कर नगर भ्रमण करवाया जाएगा।
सांवलिया सेठ के रथ और पालकी भेंट की, 460 किलो लकड़ी पर 23 किलो चांदी का वर्क

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