24 News Update उदयपुर. राजस्थान लोकतांत्रिक मोर्चा और उदयपुर जन हित मोर्चा द्वारा शिराली भवन में आयोजित बैठक में वरिष्ठ समाजवादी नेता अर्जुन देथा ने कहा कि हमारे देश में कई राजनीतिक दल हैं, जिनके नाम अलग-अलग हैं, लेकिन नीतियां एक जैसी हैं, जो आम जनता को बेहतर जीवन नहीं दे सकतीं। उन्होंने जोर देकर कहा कि पूंजीवाद का विकल्प पूंजीवाद नहीं हो सकता, बल्कि पूंजीवाद का विकल्प समाजवाद ही है, और भविष्य हमारा है। बैठक में भाकपा माले के राज्य सचिव शंकर लाल चौधरी ने कहा कि 1 मई को अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस है, जो दुनिया भर के पूंजीपतियों को चुनौती है कि शोषण पर आधारित व्यवस्था अब ज्यादा नहीं चल सकती। उन्होंने कहा कि शोषणविहीन समाज की स्थापना के लिए उदयपुर में मजदूरों और किसानों द्वारा लाल झंडा लेकर 1 मई को सड़कों पर उतरने की योजना है।
भा.क.पा. के सह सचिव हिम्मत चांगवाल ने कहा:
“भा.ज.पा. और आर.एस.एस. जनता को धर्म के नाम पर बांटने की कोशिश कर रहे हैं ताकि वे जनता के असली मुद्दों से ध्यान हटा सकें। लेकिन लाल झंडा जनता के मुद्दों पर एकता बनाए रखेगा और संघर्ष के जरिए सांप्रदायिक तत्वों को सत्ता से दूर करेगा।”
एमसीपीआई (यू) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य लीला शर्मा ने आतंकवाद पर जताया चिंता:
उन्होंने कहा कि आतंकवाद का सबसे बड़ा कारण पूंजीवादी नीतियों के कारण बढ़ती बेरोजगारी और उत्पीड़न है। जब भाजपा विपक्ष में होती है तो आतंकवाद की घटनाओं के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराती है, लेकिन जब सत्ता में आती है तो विपक्ष को जिम्मेदार ठहराती है। आखिरकार, देश की सरकार जिम्मेदार कब होगी?
माकपा जिला सचिव राजेश सिंघवी ने जन संघर्षों पर बल दिया:
उन्होंने कहा कि सरकार लोगों में डर फैला रही है कि उन्हें दूसरे राष्ट्रों या धर्म के लोगों से खतरा है और इस डर से बचने का एकमात्र रास्ता यह है कि लोग सरकार की आज्ञा मानें। लेकिन जन संघर्षों से वर्गीय चेतना आएगी, और लोग सही पहचान करेंगे कि कौन उनके संघर्ष का हिस्सा है।
उदयपुर जनहित मोर्चा के संयोजक अरुण व्यास ने भाजपा के खिलाफ बयान दिया:
उन्होंने कहा कि भाजपा ने उदयपुर में दुर्दशा कर दी है, और विकास के नाम पर विनाश की स्थिति पैदा कर दी है। कांग्रेस भी इस समय जन संघर्षों में हिस्सा नहीं ले रही है। इस दौर में वामपंथी दलों, प्रगतिशील और समाजवादी संगठनों का दायित्व बनता है कि वे भाजपा की गुंडागर्दी को खत्म करने के लिए संगठित होकर उदयपुर के गौरव की रक्षा करें।
बैठक में पहलगांव में हुए आतंकवादी हमले में मारे गए निर्दोषों को श्रद्धांजलि देते हुए सरकार से आतंकवाद के खिलाफ कड़े कदम उठाने की अपील की गई।
मुद्दों पर बैठक में लिए गए फैसले:
बैठक में 1 मई को विभिन्न मुद्दों को लेकर रैली, प्रदर्शन और धरने आयोजित करने की योजना बनाई गई, जिनमें प्रमुख निम्नलिखित हैं:
जाति आधारित जनगणना का आयोजन
सरकारी नौकरियों में 34 लाख खाली पदों को भरने की मांग
जल, जंगल, जमीन के देश के संसाधनों को पूंजीपतियों को न आवंटित करने की अपील
किसानों को उनके उत्पादन का एमएसपी पर खरीद की व्यवस्था करने की मांग
कृषि यंत्रों, खाद, बीज और कीटनाशक पर टैक्स खत्म करने की मांग
सभी कच्ची बस्तियों को पट्टे देने की मांग
न्यूनतम मजदूरी प्रतिदिन 1000 रुपये करने की अपील
ठेका प्रथा को समाप्त करने और मजदूरों के हित में कानूनों की सख्ती से पालन की मांग
पथ विक्रेता अधिनियम 2014 के तहत ठेला फुटपाथ व्यवसायियों के रोजगार की सुरक्षा
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