24 न्यूज अपडेट.उदयपुर। सत्यनाम सद्गुरु कबीर धर्मदास वंशावली मिशन सद्गुरु कबीर नवोदय यात्रा 14 अगस्त उदयपुर में निकाली जाएगी। नगर वासियों को केडीवी मिशन के उद्देश्यों के प्रति रूचि लाने के उद्देश्य से नगर में राज्य स्तरीय भव्य शोभा यात्रा व विशाल रैली निकाली जाएगी। इसमें नवोदित वंशाचार्य पंथ उदितमुनि नाम साहब मुख्य रूप से शामिल रहेंगे। साथ ही कबीरपंथ के संत महंत सहित पूरे राजस्थान के मिशन समर्थक एवं कार्यकर्ता भाग लेंगे। यह शोभा यात्रा सुभाष नगर से प्रारंभ होकर सेवाश्रम चौराहा से सेक्टर 3, 4, 5, 6 हिरन मगरी से वीआईपी कॉलोनी होते हुए सवीना, सोमेश्वर महादेव मंदिर से पॉवर हाउस से आकाश गंगा से खेड़ा सर्कल होकर सेक्टर 14 स्थित सुहालका भवन पहुंचेगी। यहां पर शोभा यात्रा भव्य सभा का रूप लेगी व कबीरपंथ के 16वें वंश प्रतापाचार्य पंथ उदितमुनि नाम साहब के सान्निध्य में केडीवी मिशन के भव्य समारोह का आयोजन होगा। सभा को नवोदित वंशाचार्य पंथश्री उदितमुनि नाम साहब संबोधित करेंगे। जनमानस को केडीवी मिशन के आदर्श वाक्य “जीव दया और आतम पूजा“ का महत्व समझाते हुए मिशन के विश्व शांति एवं जगत कल्याण की भावना को चरितार्थ करने हेतु सबको सहभागी बनने के लिए प्रेरित करेंगे। सभा स्थल में राजस्थान के समस्त जिला प्रतिनिधियों की प्रदेशव्यापी कार्यालयीन बैठक भी आयोजित की जाएगी जिसमें केडीवी मिशन के आगामी कार्ययोजनाओं के संबंध में चर्चा की जाएगी। 15 अगस्त को उक्त नवोदय यात्रा वाहन रैली के रूप में उदयपुर से हल्दीघाटी पहुंचकर वीर शिरोमणी महाराणा प्रताप की कर्मभूमि से देश को अव्हान करते हुए समस्त वीर शहीदों को याद कर केडीवी मिशन के माध्यम से भारत को विश्व पटल पर सर्वश्रेष्ठ स्थान दिलाने की प्रतिज्ञा एवं युवाओं में देशभक्ति के जोश के साथ यह यात्रा पूरे उत्साह के साथ सम्पन्न होगी।
इस निमित्त उदयपुर में आयोजित प्रेसवार्ता में बताया गया कि हमारा देश भारत प्राचीनकाल से ही संतों, ऋषि मुनियों और महापुरुषों की कर्मभूमि रहा है। हमारे देश ने संसार को प्रेम एवं पुरुषार्थ के साथ साथ आध्यात्म का ऐसा उच्चतम दर्शन दिया है जो संसार के समस्त जीवों के लिए कल्याणकारी है। मिशन का ध्येय सदैव सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया“ एवं “वसुधैव कुटुम्बकम्“ के संदेश की अपने भीतर समाहित कर सबके सुख एवं सबकी समृद्धि की कामना करना रहा है। यही हमारी असली पहचान और भारतीय सभ्यता की अमूल्य निधि भी है। हमारे देश में जितने भी संत महापुरुष हुए सबने संसार को ढाई अक्षर प्रेम का पाठ पढ़ाया है एवं उनकी शिक्षा एक ही विषय पर आधारित रही है, वह है जगत कल्याण। हम सदगुरु कबीर साहब की बात करें अथवा गुरू नानकदेव, संत रैदास साहब, संत तुलसी दास जी, संत सूरदास जी, संत मीराबाई जी. संत पीपा साहब, संत दरिया साहब, संत दादु साहब एवं अन्य पूज्यनीय संतजन महावीर स्वामी, भगवान बुद्ध भगवान श्री राम, भगवान श्री कृष्ण, रामानंद स्वामी, आचार्य शंकर एवं अन्य जिसने संत महापुरूष हुए सभी ने संसार को मानवता की शिक्षा दी है।
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