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शिल्पा शेट्टी को हाईकोर्ट से राहत, इंटरव्यू में बोले भंगी शब्द को नहीं माना जाति सूचक

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24 न्यूज अपडेट. जोधपुर। फ़िल्म अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी को आज जोधपुर हाइकोर्ट से राहत मिली है। शिल्पा के खिलाफ एसटी एससी एकट में जो एफआईआर हुई थी उसको हाईकोर्ट ने आज निरस्त कर दिया। शिल्पा शेट्टी पर चुरु के कोतवाली थाने में मामला दर्ज हुआ था। हाईकोर्ट जस्टिस अरुण मोगा के कोर्ट में सुनवाई करते हुए आदेश जारी किया कि बिना सैंक्शन और इंक्वायरी के एसटी एससी एक्ट में एफआईआर दर्ज नहीं की जा सकती है। ’भंगी’ शब्द जाति नहीं है और न ही जाति सूचक शब्द है बल्कि स्लर है जो कि किसी को नीचा दिखाने के लिए नहीं बल्कि स्वयं को संबोधित करते हुए कहा गया था। आपको बता दें कि 22 दिसंबर 2017 को चुरु के कोतवाली थाने में एससीएसटी एक्ट में शिल्पा शेट्टी के खिलाफ मामला दर्ज हुआ। वाल्मिकी समाज के अशोक पंवार ने पुलिस के बताया कि टीवी पर उसने एक इंटरव्यू शो देखा जिसमें शिल्पा शेट्टी और सलमान खान की बातचीत के दौरान उन्होंने ’ भंगी’ शब्द का इस्तेमाल किया। इससे वाल्मिकी समाज के लोगो की भावनाएं आहत हुई। इस पर 18 जनवरी 2018 को जांच अधिकारी ने नोटिस जारी किया। टीवी शो 2013 में टेलिकास्ट का था और एफआईआर 2017 में दर्ज की गई। शिल्पा के वकील ने दलील दी की इस एफआईआर में कोई सबूत नहीं है जिससे किसी समाज की भावना को ठेस पहुंची हो और न ही कोई दुर्भावनापूर्ण इरादा है। और जैसा आरोप लगया है वैसा कोई अपराधिक इरादा नहीं नजर आता। भंगी शब्द की उतपत्ति की जानकारी कोर्ट में दी और काह कि भंगी शब्द उत्पत्ति संस्कृत में भंगा से हुई है। जिसका अर्थ अछूत जाति से संबंधित होने के अलावा टूटा हुआ व खंडित भी होता है और ऑक्सफोर्ड हिंदी टू इंग्लिश डिक्शनरी के अनुसार भंगी भांग पीने वालों को भी कहा जाता है।

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