जगदीश चौक में गणगौर का घूमर रहा आकर्षण का केंद्र, शाही सवारी ने लुभाया
उदयपुर। जिला प्रशासन व पर्यटन विभाग के साझे में आज तीन दिवसीय मेवाड़ महोत्सव समारोह का शानदार आगाज हुआ। महोत्सव के पहले दिन अलग-अलग समाजों की गणगौर जगदीश चौक पर इकट्ठा हुई व वहां पर पारम्परिक गीतों के बीच गणगौर ने घूमर लिया तो समां देखते ही बन पड़ा। शाम 4 से 6 बजे तक अलग-अलग समाज की गणगौर बारी बारी से पहुंची। पारम्परिक परिधानों में महिलाएं पारम्परिक लोक गीत गाते गणगौर को सिर पर धारण कर आगे बढी। पर्यटन उपनिदेशक शिखा सक्सेना ने बताया कि शाम 6 से 7 बजे तक बंशी घाट से गणगौर घाट तक गणगौर की शाही सवारी निकाली गई। शाम 7 बजे से गणगौर घाट पर लोक कलाकारों की प्रस्तुति आरंभ हुई। शाम 4 बजे से देर शाम कार्यक्रम खत्म होने तक जगदीश चौक से गणगौर घाट और चांदपोल तक वाहनों का आवागमन बंद रहा। ईद और गणगौर त्योहार के चलते सुबह से संवेदनशील जगहों पर पुलिस बल तैनात रहा। इससे पहले बड़गाव की महिलाओं ने गणगौर पर्व के उपलक्ष्य में घरों में ईसर गणगौर का सेवरा निकालने की परंपरा का निर्वहन किया। महिलाओं ने गणगौर पर्व के उपलक्ष्य में घरों में ईसर गणगौर का सेवरा निकालने की परंपरा का निर्वहन किया। इधर सिटी पैलेस से नाव में शाही गणगौर निकली जो मुख्य आकर्षण का केंद्र थी। शाम 4 बजे से फूल माली, गांछी सहित विभिन्न समाजों की ओर से गणगौर की सवारियां निकली जो हाथीपोल, मोती चौहट्टा, बड़ा बाजार, घंटाघर, जगदीश चौक होते हुए गणगौर घाट पहुंचेगी। रास्ते में ईसर-पार्वती के गीतों का आकर्षण रहा। मेवाड़ महोत्सव के दूसरे दिन 12 अप्रैल को गणगौर घाट पर शाम 7 बजे से सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। विदेशी युगल की राजस्थानी वेशभूषा स्पर्धा होगी। वहीं 11 से 13 अप्रैल तक गोगुंदा स्थित मेला ग्राउंड पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

