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गणगौर घाट पर भव्य आयोजन, 551 साड़ियों से बनी 3300 मीटर लंबी चुनरी मां गंगा को अर्पित होगी

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24 News Update उदयपुर । उदयपुर ट्रेकिंग ग्रुप एवं गायत्री परिवार की ओर से आयोजित चुनरी मनोरथ 2025 का तीन दिवसीय कार्यक्रम शनिवार को गणगौर घाट पर भव्य आयोजन के साथ सम्पन्न होगा। इस अवसर पर पहली बार 551 साड़ियों से बनी 3300 मीटर लंबी चुनरी मां गंगा को अर्पित की जाएगी। यह आयोजन उदयपुर के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा चुनरी महोत्सव होगा। उदयपुर ट्रेकिंग ग्रुप की अध्यक्षा अनीता माहेश्वरी ने बताया कि इस आयोजन का उद्देश्य प्राचीन परंपराओं और सांझी संस्कृति को संरक्षित कर सनातन धरोहर को नई पीढ़ी तक पहुंचाना है।
शनिवार दोपहर 2 बजे लक्ष्मी माता मंदिर प्रांगण से कांकरोली से पहली बार उदयपुर पधार रहे द्वारकाधीश भगवान की शोभायात्रा निकलेगी। यह शोभायात्रा जगदीश मंदिर तक पहुंचेगी, जिसमें 51 तुलसी कलश भी शामिल होंगे। भगवान जगन्नाथ के जयघोष, बैंड की स्वर लहरियों और श्रद्धालुओं की उपस्थिति के बीच शोभायात्रा गणगौर घाट तक पहुंचेगी। यहां 21 मनोरथी जोड़े पूजन करेंगे और सामूहिक आरती होगी। इसके अतिरिक्त 21 जोड़ों द्वारा विशेष बड़ी आरती भी सम्पन्न करवाई जाएगी।
अतिथियों की विशेष उपस्थिति
अध्यक्ष अनीता माहेश्वरी ने बताया कि स्व. किरण माहेश्वरी की स्मृति में 30 अगस्त को दोपहर 3 बजे से गणगौर घाट पर चुनरी मनोरथ का आयोजन होगा। इसमें मुख्य अतिथि के रूप में बाल अधिकार विभाग की राज्यमंत्री मंजू बाघमार तथा निवृति कुमारी मेवाड़ मौजूद रहेंगी। संरक्षिका के रूप में राजसमंद विधायिका दीप्ति किरण माहेश्वरी होंगी। इसके अलावा अजमेर दक्षिण की विधायिका अनिता भदेल, पूर्व वल्लभनगर विधायिका प्रीति शक्तावत और पूर्व महापौर रजनी डांगी विशिष्ट अतिथि होंगी।
3300 मीटर लंबी चुनरी बनेगी आकर्षण का केंद्र
आयोजन समिति के सचिव निलेश कोठारी ने बताया कि इस बार विशेष आकर्षण के रूप में 551 साड़ियों से बनी 3300 मीटर लंबी चुनरी एक ही रोल में मां गंगा को अर्पित की जाएगी। चुनरी पंचदेवरा मंदिर तक ले जाई जाएगी और उसके बाद पिछोला झील के किनारे वाराणसी घाट की तर्ज पर मां गंगा की आरती होगी। इस आरती में शहर के हजारों लोग शामिल होंगे।
तैयारियों का अंतिम रूप
सोनल नागदा, गीता राव और कला गटानी ने बताया कि शुक्रवार को आयोजन समिति की सदस्याओं ने ध्वनि, प्रकाश और अन्य व्यवस्थाओं का जायजा लेकर तैयारियों को अंतिम रूप दिया। जगदीश मंदिर से गणगौर घाट तक पूरे मार्ग पर व्यवस्था सुनिश्चित की गई।
तैयारियों में अनीता माहेश्वरी, सचिव निलेश कोठारी, मंजू पुर्बिया, मंजू मुंद्रा, स्वाति पोरवाल, अनु लोढ़ा, माया शर्मा, सुशीला देवपुरा, किरण नाहर, स्नेहा टाक, स्मारिका महुर, रेखा सोनी, सुनीता भंडारी, मालेश्री शर्मा, ललिता सिंघवी, लीना जायसवाल, वर्षा सोनी और अन्य सदस्याएं सक्रिय रहीं।

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