24 न्यूज अपडेट शाहपुरा. कैलाश सिंह जाड़ावत व सुरेश चंद्र घुसर ने बताया की शाहपुरा करीब 390 वर्षों का एक गौरवशाली इतिहास राजस्थान के इतिहास में अंकित है।यहां के वीर राजाओं भारत सिंह, राजा उमेद सिंह प्रथम, कुंवर अदोत सिंह कंधार से लेकर दक्षिण भारत तक अपनी वीरता का लोहा मनवाया। जिस कारण भी राजस्थान को मजबूती प्रदान हुई। देश की आजादी के लिए शाहपुरा के क्रांतिकारी वीर एक ही परिवार के केसरी सिंह, जोरावर सिंह व प्रताप सिंह बारहठ ने अंग्रेजों से लोहा लिया।शाहपुरा के राजा सुजान सिंह को दिल्ली दरबार में अपनी वीरता के दम पर शाहजहां ने शाहपुरा का पट्टा इनायत किया।विक्रम संवत 1688 पौष शुक्ल दोज,14 दिसंबर1631 बुधवार को शाहपुरा राज्य की स्थापना हुई।राजस्थान संघ की स्थापना में शाहपुरा की रियासत का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।शाहपुरा भारत की 562 रियासतों में से एक ऐसी पहली रियासत थी।जिसने आजादी के एक दिवस पूर्व यानी 14 अगस्त 1947 को
ही तत्कालीन राजा सुदर्शन देव ने राज्य प्रजामंडल अध्यक्ष गोकुल लाल असावा को राज्य सौंप कर देश में इतिहास रच दिया।वर्तमान में राज्य में बीजेपी सरकार नवगठित जिलों से कई जिले हटाना चाहती है।जोकि अपनी सरकार के द्वारा अपनी ही जनता जिन्होंने आँख मिच कर एक तरफा बीजेपी को वोट किया,उस जनता के साथ, सरासर धोखा होगा।
मुख्यमंत्री शाहपुरा जिला हटाने का वर्तमान सरकार का निर्णय अनुचित है। इससे क्षेत्र के लोगो की जन भावना आहत होगी।शाहपुरा जिला बना रहे इस हेतु निम्न तर्क प्रस्तुत
आजादी से पहले शाहपुरा अलग से रियासत (स्टेट) रही है।
सभी रियासत को स्टेटस, सम्मान मिला है इस लिए, शाहपुरा को भी आजादी के 75 वर्षो बाद ही सही जिला बना रहना चाहिए।
देश के एकीकरण में शाहपुरा के राजा सुदर्शन देव ने अपनी रियासत सहर्ष सर्व प्रथम सरदार पटेल गृहमंत्री को लोक तंत्र की मजबूती के लिए सुपुर्द कर दी थी।क्या उनके त्याग और समर्पण के बदले में बीजेपी सरकार,जिले का स्टेटस छीन लेगी? ऐसा होगा तो बहुत ही गलत होगा।देश की आजादी में यही के क्रांतिकारी केसरी सिंह बारहठ परिवार ने अपना अतुलनीय बलिदान दिया था।जिसे देश कभी भुला नहीं सकता। एक ही परिवार से 4लोगो ने अपना सर्वस्व बलिदान देश के लिए दिया था।बीजेपी सरकार को उनके बलिदान का मान रखना चाहिए।स्वामी दयानंद सरस्वती ने यही पर सत्यार्थ प्रकाश ग्रंथ को लिखना शुरू किया था। राजा सहित अनेक लोगो को आर्य समाज में दिक्षित किया था।
अंतर्राष्ट्रीय रामस्नेही संप्रदाय की मुख्य पीठ भी यही है। यहां हर वर्ष पंच दिवसीय मेला लगता हे, और “शाहपुरा बाग” हेरिटेंज होटल है,देश विदेश लोग आते रहते है।भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय ने क्रांतिकारी गांव देवखेड़ा को” मेरा गांव मेरी धरोहर “में शामिल किया है।
आजादी के 75 वर्षो बाद पहली बार आरक्षित सीट होने के कारण कांग्रेस ने विकास के लिए शाहपुरा को जिला बनाया था। बावजूद कांग्रेस हार गई थी।
बीजेपी को शाहपुरा, जहाजपुर विधान सभा क्षेत्र में जनता ने विजय बनाया,बावजूद जिला हटाना वर्तमान सरकार के हित में नही रहेगा।जनता की नाराजगी बीजेपी को भारी पड़ेगी।जिला घोषणा के बाद क्षेत्र में बहुत विकास हुआ है।अधिकारी एवं ऑफिस कार्यालयों का खुलना,ज़िला कलेक्टर द्वारा तुरंत जन सुनवाई के साथ त्वरित समाधान करना।लोगो को बहुत पसंद आया है।कार्यालय एवं अधिकारियों पर पहले ही लाखो रुपया खर्च हो चुका है।जिला निरस्त की स्थिति में लाखो रूपये जो जिले में लगे है।उनका नुकसान होगा। और जनता की नाराजगी झेलनी होगी वो अलग से।जिला टूटने की स्थिति में बीजेपी के कार्यकर्ताओं का हौसला टूट जाएंगा,विरोधी लोग उन्हें बोलने नही देंगे।अगर कांग्रेस सरकार रिपीट होती तो क्या बने जिले वो हटाते ? बिलकुल नहीं, तो फिर बीजेपी ऐसा क्यों कर रही है?बीजेपी सरकार को आय के स्त्रोत के साथ ही उचित समाधान ढूंढना चाहिए।शाहपुरा क्षेत्र का आय राजस्व के स्त्रोत,आगुचा माइंस,बिजोलिया माइंस,अगर इन्हे पूरा सामिल नही भी करे,तो भी हमारा राजस्व आय का प्रतिशत तय किया
उद्योग,रेल, कृषि,पर्यटन एवं कला एवं संस्कृति को बढ़ावा देना चाहिए।अतः सीएम से आग्रह पूर्वक निवेदन है कि,विकास की गति धीमी होगी, मगर रुकेगी नही, इस लिए मुख्यमंत्री हम आपके अपने है।अपनो पर कुठाराघात न करे।शाहपुरा को जिला यथावत रखते हुए।समस्या समाधान के प्रयत्न करना चाहिए,इसके लिए शाहपुरा क्षेत्र की जनता तन मन धन से आपके साथ है
Discover more from 24 News Update
Subscribe to get the latest posts sent to your email.