24 न्यूज अपडेट. जयपुर। विधानसभा में आज बजट सत्र के आखिरी दिन हंगामे के साथ कार्यवाही भी शुरू हुई। स्पीकर वासुदेव देवनानी ने कहा है कि पहले निलंबित विधायक को बाहर भेजिए और प्रश्नकाल चलने दीजिए। फिर बात सुनी जाएगी। कल से धरने पर बैठे कांग्रेस विधायक मुकेश भाकर का निलंबन रद्द करने पर अड़े हुए हैं। उन्होंने नारेबाजी जारी रखी है। विपक्ष कानून मंत्री का इस्तीफा चाहता है। इस दौरान कुशलगढ़ से कांग्रेस विधायक रमिला खड़िया लड़खड़ाकर गिर गईं। ब्लड प्रेशर कम हो जाने से उनकी तबीयत बिगड़ गई। प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस के हंगामे के बीच विधायक रमिला खड़िया की तबीयत खराब हो गई। हंगामे और नारेबाजी के बीच ही नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने खड़िया की तबीयत बिगड़ने का मामला उठाया। रमिला खड़िया की तबीयत खराब होने पर डॉक्टर को बुलाया गया। इस बीच स्पीकर ने आधे घंटे के लिए 12.16 तक सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी। कार्यवाही स्थगित होने के बाद सदन में डॉक्टर को बुलाया गया।
इधर, विधानसभा में लाडनूं विधायक मुकेश भाकर को निलंबित करने के मुद्दे पर गतिरोध बन गया है जो अब तक नहीं टूटा है। धरने पर बैठे विधायक रात तक रामधुनी करते रहे। गतिरोध दूर करने के लिए संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने नेता प्रतिपक्ष और वरिष्ठ विधायकों से चर्चा की, लेकिन बात नहीं बनी। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने बीजेपी विधायक ललित मीणा के सवाल के जवाब में कहा कि कांग्रेस राज में मिड डे मील में करोड़ों का घोटाला हुआ है। बच्चों के मुंह से दूध और मिड डे मील छीना है इसकी जांच होनी चाहिए। ईडी जांच कर रही है। जरूरत पड़ी तो हम भी जांच करवा सकते हैं। जो दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ कार्रवाई करेंगे। कानून हमें अनुमति देगा तो हम भी जांच करेंगे और उसमें सरकारी कर्मचारी शामिल है उसको मैं सस्पेंड करता हूं। 9 महीने का मिड डे मील दिया, फर्जी अंगूठे लगाए गए। बच्चों के अंगूठे क्यों लगाए, इससे साफ है कि इसमें करोड़ों का घोटाला है।
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा- हमारे विधायक की कोई गलती ही नहीं थी। जब मैं बोल रहा था तब बीजेपी विधायक बाधा डाल रहे थे। हमारे विधायक उनकी तरफ इशारा करके उन्हें रोक रहे थे। सत्ता पक्ष तुरंत ही निलंबन का प्रस्ताव ले आया। इस तरह विपक्ष की आवाज को दबाया नहीं जा सकता। हम हमारे विधायक का निलंबन वापस होने तक धरने पर बैठे रहेंगे। उन्होंने कहा- भारतीय न्याय संहिता के 1 जुलाई से लागू होने के बाद भी पुराने कानून से जुलाई में सरकारी वकीलों की नियुक्ति करने पर सरकार सदन में जवाब दे। इस जवाब से भाग नहीं सकते, राजस्थान सरकार भारत सरकार का कानून ही नहीं मान रही। विधि और संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा- सरकारी वकीलों की नियुक्ति की प्रक्रिया जनवरी-फरवरी से ही शुरू हो गई थी, नई संहिता जुलाई में लागू हुई। जो प्रक्रिया पहले शुरू हुई उसे तो पुराने कानून से ही पूरा करना था, कांग्रेस बेवजह सदन को बाधित कर रही है।
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