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वायरल वीडियो के बाद गिरी गाज: महिला आरटीओ इंस्पेक्टर मुक्ता सोनी निलंबित, जयपुर मुख्यालय अटैच

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24 न्यूज अपडेट, जयपुर/चित्तौड़गढ़: चित्तौड़गढ़ के गंगरार टोल नाके पर 9 अप्रैल को एक ट्रक ड्राइवर के साथ बदसलूकी का वीडियो वायरल होने के बाद परिवहन विभाग ने आखिरकार सख्त कार्रवाई की है। आज, परिवहन एवं सड़क सुरक्षा विभाग, जयपुर ने महिला आरटीओ इंस्पेक्टर मुक्ता सोनी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि के दौरान उन्हें जयपुर मुख्यालय से अटैच किया गया है।
यह कार्रवाई 9 अप्रैल को गंगरार टोल नाके के पास हुई उस घटना के संबंध में की गई है, जिसका वीडियो 10 अप्रैल को सार्वजनिक हुआ था। वीडियो में महिला आरटीओ इंस्पेक्टर मुक्ता सोनी, जो चित्तौड़गढ़ में तैनात थीं, एक ट्रक ड्राइवर, जिसकी पहचान उत्तर प्रदेश निवासी निजाम खां के रूप में हुई है, के बाल पकड़कर खींचती और उसे धक्का देती हुई स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही थीं। इस वीडियो के वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने महिला इंस्पेक्टर के इस आपत्तिजनक व्यवहार की कड़ी आलोचना की थी और उनके खिलाफ तत्काल अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की थी।
अपनी सफाई में महिला इंस्पेक्टर मुक्ता सोनी ने कहा था कि ट्रक ड्राइवर ने बीच सड़क पर वाहन खड़ा कर ट्रैफिक जाम कर दिया था और टोके जाने पर बदतमीजी की थी। हालांकि, विभाग ने उनके इस स्पष्टीकरण को पर्याप्त नहीं माना, खासकर इसलिए क्योंकि उन्होंने घटना के समय स्थानीय पुलिस को सूचित करने की बजाय खुद ही हस्तक्षेप किया, जो नियमों का उल्लंघन था। विभाग के अनुसार, ऐसी स्थिति में पुलिस को बुलाना अनिवार्य होता है। इसके विपरीत, इंस्पेक्टर सोनी ने अपने आरटीओ के ड्राइवर की मदद से स्वयं ही ट्रक ड्राइवर के साथ हाथापाई की। जिला परिषद की बैठक में भी इस मुद्दे पर नाराजगी जताई गई थी, जहां चार में से तीन विधायकों ने महिला अधिकारी के आचरण की निंदा की थी। विभाग के कुछ अधिकारियों ने भी नाम न छापने की शर्त पर बताया था कि वे पहले से ही मुक्ता सोनी के व्यवहार से परेशान थे, क्योंकि वह अक्सर मनमानी करती थीं और निर्देशों की अनदेखी करती थीं।
जयपुर मुख्यालय में इस मामले की विस्तृत जांच चल रही थी, और आखिरकार मंगलवार, 22 अप्रैल को परिवहन एवं सड़क सुरक्षा विभाग ने अपना निर्णय सुनाते हुए मुक्ता सोनी को निलंबित कर दिया। निलंबन का आधिकारिक आदेश आज जारी किया गया है, जिसके अनुसार उनका निलंबन काल अब जयपुर मुख्यालय में रहेगा। विभाग अब इस मामले में आगे की विभागीय कार्रवाई भी कर सकता है। इस घटना ने सरकारी अधिकारियों के व्यवहार और कानून के पालन को लेकर एक महत्वपूर्ण सवाल खड़ा कर दिया है।

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