उदयपुर। सीएमएचओ डॉ शंकर बामनिया ने बताया कि 20 मेडिकल टीम द्वारा प्रभावित क्षेत्र में भ्रमण कर बीमारियों की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए एक्टिव सर्वीलेंस (मेडिकल केम्प एवं घर-घर सर्वे) प्रारंभ कर 5 दिन में 1030 घरों का सर्वे व 2660 लोगों की स्क्रीनिंग की गई जिसके अब तक 307 बुख़ार के रोगी मिले जिन्हें बेस कैम्प में स्लाइड लेकर इलाज किया गया। पाँच बेस कैम्प पटिया , घाटा, बड़ादेव,सती का खेत , साबरमाल,में ओपीडी में 1094 इलाज किया गया और बुख़ार के रोगियों की स्लाइड ली गई। स्लाइड टेस्ट में अब तक 7 मलेरिया के रोगी आये जिन्हें इलाज किया गया।
घाटा और पटिया में बेस कैम्प के साथ अस्थायी चिकित्सालय स्थापित किया गया जहां इंजेक्शन और ड्रिप के अलावा अन्य इलाज किया जा रहा है। सामान्य स्थ्तिी होने तक मेडिकल टीमों द्वारा नियंत्रण कार्यवाही जारी रहेगी। स्थानीय जनप्रतिनिधियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं एवं विद्यालयों में शिक्षकों के माध्यम से विद्यार्थियों द्वारा गावें मे मौसमी विमारयों के रोकथाम का प्रचार प्रचार किया जा रहा है।
मेडिकल कॉलेज की आरआरटी टीम को प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया और विषय विषेषज्ञों द्वारा मृत्यु के वास्तविक कारणों का आंकलन कर मोके पर सैम्पल लेकर स्रूस् मेडिकल कॉलेज मे जॉच रिर्पोट हेतु भिजवाया गया है।
डॉ बामनिया ने बताया कि प्रभावित क्षेत्र में उपचार एवं नियंत्रण में हेतु निकटतम खण्ड के तीन चिकित्सा अधिकारियों, 6 नर्सिंगऑफिसर, 6 सीएचओ मय एएनएम की ड्युटि अग्रिम आदेषों तक लगा दी गयी हैं। आरसीएचओ, डिप्टी सीएमएचओ (स्वा0) एवं बीसीएमओ कोटड़ा का मुख्यालय अग्रिम आदेषो तक पीएचसी देवला, खण्ड कोटड़ा किया गया हैं, जिससे कि बच्चो के रूटिन इम्युनाईजेसन एएनसी, मौसमी बीमारियां समुचित एवं प्रभावी नियंत्रण किया जा सके। जिला स्तर से बीसीएमओ कोटड़ा को आवष्यकतानुसार अतिरिक्त लोजिस्टिक (दवाईयां एमएलओ टेमिफोस, पायरेथ्रम, जांच किट, आरडीटी किट, ब्लड स्लाईड एवं एलएलआईएन (मच्छरदानी) उपलब्ध करा दी गयी हैं।
वेक्सिन प्रिवेन्टेबल डिजिज के लिये आरसीएचओ को ड्राईव चलाकर वंचित बच्चो को वेक्सिनेट करने हेतु निर्देषित किया गया हैं। प्रभावित क्षेत्र में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद उदयपुर एवं अधीक्षण अभियंता पीएचईडी को पत्र द्वारा अनुरोध किया गया हैं। खण्ड मुख्य चिकित्सा अधिकारी कोटड़ा एवं एमओआईसी देवला को निर्देषित किया गया है कि जन प्रतिनिधियों से समन्वय स्थापित कर आवष्यक सहयोग लिया जाये एवं वस्तुस्थित से अवगत करायाजाये।
बच्चों के मृत्यु की सूचना तत्समय ही अधोहस्ताक्षरकर्ता को नहीं दी गयी एवं मौसमी बीमारियों के लिए चिन्हित संवेदनशील क्षेत्र होते हुए भी टीम लगाकर प्रभावी नियंत्रण एवं रोकथाम कार्यवाही समय पर सम्पादित नहीं किये जाने एवं पूर्ण वेक्सिीनेशन की सूचना उपलब्ध नहीं करवाये जाने के कारण खण्ड मुख्य चिकित्सा अधिकारी कोटड़ा एवं चिकित्सा अधिकारी प्रभारी देवला को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है!आरएनटी मेडिकल कॉलेज की आरआरटी टीम को अखबार में छपी अज्ञात बीमारी से हुयी मृत्यु जैसा अज्ञात कारण प्रतित होने पर मरीज के ब्लड युरीन, सीएसएफ एवं अन्य आवष्यक सेम्पल जांच हेतु राज्य स्तरीय रेफरल लेब माईकोबायेलोजी विभाग एसएमएस मेडिकल कॉलेज जयपुर भिजवा दिया है।
प्रभावित क्षेत्र में एक्वि एवं पेसिव सर्वीलेंस के दौरान यदि कोई मरीज गम्भीर बीमारी से ग्रसित होने या गम्भीर अवस्था में हो तो उसे रेफर करने हेतु 108 एम्बुलेंस को पीएचसी देवला पर स्टेषन बनाने हेतु जीवीके संस्था के जिला कॉर्डिनेटर को निर्देषित किया गया हैं।
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