24 न्यूज अपडेट. उदयपुर। मेवाड़ संभाग के पहले दैनिक समाचार पत्र ‘‘जय राजस्थान’’ वरिष्ठ संपादक शैलेश व्यास का आज 70 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उनका जन्म 6 दिसंबर 1955 को हुआ था। व्यास के निधन से पत्रकारिता जगत में शोक की लहर छा गई। वरिष्ठ पत्रकार शैलेष व्यास कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे व आज 12 फरवरी को सेक्टर 14 में निवास स्थान पर अंतिम सांस ली। उनका अंतिम संस्कार कल दिनांक 13 फरवरी को होगा। अंतिम संस्कार का समय अभी तय नहीं किया गया है। इसकी सूचना इसी समाचार में थोड़ी देर बाद अपडेट की जाएगी।
हंसमुख, मिलनसार और सबके चहेते प्रधान संपादक शैलेश व्यास का पत्रकारिता जगत में बड़ा नाम था। पत्रकारों की नर्सरी व पाठशाला कहे जाने वाले जय राजस्थान अखबार में शैलेश व्यास के सान्निध्य में उदयपुर के लगभग सभी नामी पत्रकारों को टेलीप्रिंटर से लगाकर आज की इंटरनेट वाली पत्रकारिता तक के गुर सीखने का अवसर मिला। वरिष्ठ पत्रकार शैलेश व्यास हरदिल अजीज थे व उन्होंने हमेशा पत्रकारों को निष्पक्ष व सकारात्मक पत्रकारिता करने के लिए प्रोत्साहित किया। शैलेश व्यास जी का जीवन पत्रकारिता को समर्पित था। उन्होंने पत्रकारिता को मिशन के रूप में अपनाया और निष्पक्ष, निर्भीक तथा सामाजिक सरोकारों से जुड़ी खबरों को प्राथमिकता दी। उनकी संपादकीय शैली में गहन शोध, तार्किकता और सामाजिक सरोकारों की झलक मिलती थी। आपको बता दें कि उदयपुर संभाग के पहले अखबार जय राजस्थान की स्थापना 6 फरवरी 1972 को शैलेश व्यास के पिता स्व. चंद्रेश व्यास द्वारा की गई थी। उनके स्वर्गवास के बाद वरिष्ठ पत्रकार शैलेश व्यास ने जय राजस्थान अखबार की कमान संभाली तथा लगातार बदलते प्रतिस्पर्धी दौर में भी नियमित रूप से दैनिक अखबार का प्रकाशन किया। उनके परिवार में धर्मपत्नी वीना व्यास एवं तीन पुत्रियां ज्योति, कीर्ति और तृप्ति हैं।
व्यासजी ने अपने अखबार के माध्यम से हमेशा जनहित के मुद्दे उठाए व उनकी कई खबरें सामाजिक सरोकारों से जुड़ कर बदलाव का मध्यम बनीं। उनके चले जाने से क्लासिकल पत्रकारिता के एक युग का आज अंत हो गया। वरिष्ठ पत्रकार शैलेश जी व्यास अच्छे शायर और गायक भी थे। पत्रकारों के 26 जनवरी के गेट टुगेदर वाले कार्यक्रमों में उनकी सुनाई कई गजले व नगमों की यादें आज भी पत्रकारों के जेहन में ताजा हैं। वे लॉयंस क्लब से भी जुड़े हुए थे।
हाल ही में 13 जनवरी, 2025 को जय राजस्थान में हुए एक कैलेण्डर विमोचन समारोह में विचार व्यक्त करते हुए शैलेश जी व्यास ने कहा था कि 6 फरवरी 1972 को जय राजस्थान के संस्थापक- संस्थापक एवं उनके पिताश्री चन्द्रेशजी व्यास ने मेवाड़ सम्भाग के पहले अखबार के रूप में इसका प्रकाशन शुरू किया। प्रारम्भिक समय की कई चुनौतियों का सामना करते हुए जय राजस्थान मात्र कुछ ही समय में दक्षिणी राजस्थान का सबसे लोकप्रिय अखबार बन गया।
53 साल के इस काल खण्ड में जय राजस्थान परिवार से कई लोग जुड़े, जुड़ते गये। यहां पर पत्रकारिता का प्रशिक्षण लेने के बाद वह अन्य संस्थानों में चले गये तो कई नये साथी जुड़े। यह सिलसिला चलता रहा और आज तक जारी है। प्रतिस्पर्धा और मार्केटिंग के इस युग में पहले से ज्यादा चुनौतियों और संघर्षों से अब सामना करना पड़ रहा है। फिर भी पिताश्री- माताश्री के आशीर्वाद एवं शुभचिन्तकों एवं पाठकों की दुआओं से आज भी जय राजस्थान अपने उसूलों पर कायम रह कर लगातार प्रकाशित हो रहा है। जय राजस्थान निरन्तर अपने कर्म पथ पर बढ़ रहा है।
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