24 न्यूज़ अपडेट उदयपुर। 20 दिसंबर 2024 को एक नीलगाय का अज्ञात वाहन से एक्सीडेंट हो गया जिसकी वजह से उसके पिछले हिस्से में गंभीर चोट लगने की वजह से वह खड़ी नहीं हो सकती, गांव वालों की सहायता से चंदा इकट्ठा कर कर इसको उदयपुर जंगलात के ऑफिस में ले जाया गया जहां पर उन्होंने कहा कि इसको सरकारी अस्पताल में ले जाएं फिर इसको सरकारी अस्पताल में ले जाया गया जहां पर उन्होंने कहा कि इसको यहां पर भरती नहीं कर सकते आप इसको जंगलात वालों को सौंप दीजिए फिर इसको जंगलात के दफ्तर में ले जाया गया जहां पर उन्होंने कई डॉक्टर को कॉल लगाया परंतु किसी डॉक्टर ने कॉल नहीं उठाया इसके बाद जगपाल सिंह जी द्वारा रेंजर जी से बात की गई जिसमें रेंजर जी ने कहा कि आप इसको अपनी गौशाला में ले जाइए हम वहीं पर इसके लिए डॉक्टर की सुविधा और इसको खड़ा करने के लिए मशीन की सुविधा कर देंगे और इसके रोज के खाने-पीने की सुविधा भी हमारे द्वारा कराई जाएगी इसके बाद जगपाल सिंह जी द्वारा इस नीलगाय को श्री कृष्ण गौशाला सेमारी में लाया गया जहां पर जगपाल सिंह जी और उनके बेटे के द्वारा इसकी सेवा की जा रही है परंतु वन विभाग की तरफ से ना तो अभी तक कोई सुविधा उपलब्ध कराई गई है ना ही किसी डॉक्टर को भेजा गया है जिसकी सहायता से इस नीलगाय को ठीक किया जा सके उनके द्वारा केवल ₹5000 की राशि दी गई है परंतु वह ₹5000 से इसके लिए केवल कुछ दिन का भोजन और दूध उपलब्ध हो सकता था परंतु जगपाल सिंह जी अपनी तरफ से इसको बचाने के लिए पूरी कोशिश कर रहे हैं जगपाल सिंह जी का कहना है की इस नीलगाय के पेट में एक बच्चा भी है और इनको बचाने के लिए 181 पर भी कंप्लेंट दर्ज कराई गई परंतु वहां से भी कोई सहायता नहीं मिली और ना ही वन विभाग की तरफ से अभी तक कोई सहायता मिली है आज इसको पूरे 27 दिन हो चुके हैं अगर इसी तरह से लापरवाही चलती रही तो यह नीलगाय और इसके पेट में पल रहा बच्चा दोनों ही तड़प तड़प कर मर जाएंगे तो हमारी यही अपील है कि इस नीलगाय को सुविधा उपलब्ध कराई जाए जिससे कि यह और इसका बच्चा दोनों मौत के मुंह से बाहर आ सके।
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