24 न्यूज अपडेट. अयोध्या। अयोध्या के राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्रदास को जल समाधि दी गई। उनके पार्थिव शरीर को 25-25 किलो बालू से भरी 4 बोरियों से बांधकर सरयू नदी की बीच धारा में प्रवाहित कर दिया गया। उन्होंने 80 वर्ष की आयु में बुधवार को अंतिम सांस ली थी। पालकी से पार्थिव शरीर लता मंगेशकर चौक होते हुए सरयू घाट लाया गया। उनके शिष्य प्रदीप और विजय भी साथ थे। पहले सरयू नदी में पार्थिव शरीर को स्नान कराया गया। फिर संत तुलसीदास घाट पर जल समाधि दी गई। अंतिम यात्रा से पहले दोपहर 12 बजे पार्थिव शरीर को रथ पर रखा गया। बैंड-बाजे के साथ अंतिम यात्रा निकाली गई। श्रद्धालुओं ने फूल बरसाकर विदाई दी। भारी भीड़ के चलते यात्रा को राम मंदिर के सामने से नहीं निकाला गया। केंद्रीय मंत्री सतीश शर्मा और अयोध्या सांसद अवधेश प्रसाद ने श्रद्धांजलि दी। सरयू घाट पर हजारों श्रद्धालु अंतिम दर्शन के लिए घंटों खड़े रहे। 3 फरवरी को ब्रेन हेमरेज के बाद उन्हें अयोध्या से लखनऊ च्ळप् रेफर किया गया था। बुधवार को उन्होंने लखनऊ में अंतिम सांस ली। महत्वपूर्ण संतों और नेताओं की उपस्थिति रही। जगतगुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामदिनेशाचार्य, निर्वाणी अनी अखाड़ा के पूर्व श्री महंत धर्मदास, विधायक वेद गुप्ता, महापौर गिरीश पति त्रिपाठी, वशिष्ठ भवन के महंत राघवेश दास की उपस्थित रही।
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