24 न्यूज अपडेट, बांसवाड़ा। बांसवाड़ा में बन रहे माही न्यूक्लियर पावर प्लांट को लेकर शुक्रवार को स्थानीय लोगों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प हो गई व स्थित तनातनी की हो गई। पुलिस के 3 जवान और कुछ ग्रामीण घायल हो गए। जमीन खाली कराने गई पुलिस पर लोगों ने पथराव कर दिया। जवाब में पुलिस ने भी हाईवे जाम कर रही महिलाओं को खदेड़ा और आंसू गैस के गोले तक छोड़े। भारत आदिवासी पार्टी के एक नेता समेत 12 लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है। पावर प्लांट के लिए जमीन खाली करा ली गई है। अगले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका शिलान्यास करने आ रहे हैं। बांसवाड़ा के छोटी सरवन में 2800 मेगावाट का न्यूक्लियर पावर प्लांट लगना है। इस जमीन पर बाउंड्री वॉल बनाई जा रही हैं ऐसे में यहां पर रह रहे लोगों को दूसरी जगह शिफ्ट किया जा रहा है। जनता के विरोध को देखते हुए न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड ने पुलिस से मदद मांगी थी। बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़ जिलों की पुलिस को बुला लिया गया था। जब जमीन खाली कराने की बात सामने आई तो बांसवाड़ा-डूंगरपुर और प्रतापगढ़ तीन थानों का पुलिस जाब्ता सामने था व ग्रामीण अचानक पत्थर बरसाने लगे। पहाड़ों से पथराव करना शुरू कर दिया। हादसे में एक जवान का सिर फूटा है। सुबह करीब 10ः30 बजे पुलिस व लोगों का आमना सामना शुरू हो गया जो तीन घंटे तक चला। क्यूआरटी का जवान कल्पेश गरासिया घायल हो गया, जिसके सिर पर पत्थर लगा। उसे बांसवाड़ा के एमजी हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया है। इसके बाद विरोध प्रदर्शन होने लगा व स्थानीय महिलाओं ने नेशनल हाईवे को जाम कर दिया। पुलिस ने महिलाओं और लोगों को हटाने लाठियां भांजी तो भगदड़ मच गई। लोग भागने लगे व पहाड़ो से पत्थर बरसना शुरू हो गए। कोतवाली पुलिस ने बीएपी नेता हेमंत राणा सहित कुछ लोगों को हिरासत में लिया है। आपको बता दें कि परमाणु बिजली घर के लिए 6 गांवों बारी, सजवानिया, रेल, खड़िया देव, आडीभीत और कटुम्बी के 3 हजार लोगों को विस्थापित किया जा रहा है। इनको अब तक 415 करोड़ रुपए का मुआवजा दिया जा चुका है। बदले में 553 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित की गई है। विस्थापितों के लिए खड़िया देव में 60 हेक्टेयर जमीन मकान बनाने आरक्षित रखी गई है।
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