Site icon 24 News Update

राजस्थान में उदयपुर में सबसे ज्यादा दबा नोटा, 189 प्रत्याशी नोटा से मात खा गए

Advertisements

24 न्यूज अपडेट उदयपुर। नोटा का इन लोकसभा चुनावों में भी खूब जोर रहा। राजस्थान में सर्वाधिक नोटा का प्रयोग उदयपुर में किया गया। आंकडों को देखें तो प्रदेश में कुल 266 प्रत्याशियों में से 189 प्रत्याशी नोटा से भी कम वोट लेकर आए। चुनाव आयोग की वेबसाइट को देखें तो राजस्थान में कुल 2,80,246 लोगों ने नोटा का बटन दबाकर सभी प्रत्याशियों को नकारा दिया तथा इनमें सबसे ज्यादा वोट 22 हजार 948 उदयपुर लोकसभा क्षेत्र के मतदाताओं ने दिए। दूसरे नंबर पर बांसवाड़ा रहा जहां पर 20,970, जालोर में 18,459, बाड़मेर में 17,903 और झालावाड़-बारां में 16,027 वोट नोटा पर गए। जयपुर ग्रामीण, जोधपुर और कोटा के 13-13 प्रत्याशियों को नोटा ने मात दे दी तो जयपुर के 11 प्रत्याशी, अजमेर के 12 प्रत्याशी, चूरू, सीकर, जालौर व चित्तौड़गढ़ के 10-10 प्रत्याशी, पाली के 9, टोंक-सवाई माधोपुर, राजसमंद, भीलवाड़ा के 8-8 प्रत्याशी, बाड़मेर के 7, गंगानगर, बीकानेर, अलवर के 6-6 प्रत्याशी समेत कुल 189 को नोटा ने पीछे छोड़ दिया। इससे यह साबित होता है कि अब भी लोगों को पार्टियों के खडे हुए प्रत्याशी और इनडिपेंडेंट प्रत्याशी पसंद नहीं आ रहे हैं। वे नोटा दबा कर विरोध जता रहे हैं। लेकिन हमारे राजनीतिक सिस्टम ने अब तक नोटा को मान्यता तक नहीं दी है। जबकि होना यह चाहिए कि जितने नोटा दबे, उसके बदले में पनिश्मेंट का प्रावधान होना ही चाहिए। या फिर उतने ही वोट समानुपातिक रूप से प्रत्याशियों के वोट से घटाए जाने चाहिए। प्रदेश में 43 हजार से अधिक वोट रिजेक्ट भी हुए हैं।

Exit mobile version