*लेखक ::: डॉ. जी. एल. मेनारिया, इतिहासकार, संस्थापक अध्यक्ष, ग्लोबल हिस्ट्री फोरम एवं निदेशक, तक्षशिला विद्यापीठ संस्थान,उदयपुर (राज.)*

उदयपुर। इक्ष्वाकु वंशज भगवान राम की रघूकुल परम्परा का निर्वहन करने वाले आदर्श नरोशों में बाप्पा रावल, खुमाण रावल, हम्मीर, महाराणा कुम्भा, महाराणा सांगा के क्रमक में महाराणा उदयसिंह व उनके सुपुत्र प्रात: स्मरणीय वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप एवं राजसिंह जी ने सनातन धर्म-संस्कृति के मूल्यों का प्रतिपालन किया। सर्व धर्म सर्व समाज के मूर्तिमान मेवाड़ राजवंश न केवल राजस्थान व सम्पूर्ण भारत वर्ष में अपितु सम्पूर्ण विश्व में मेवाड़ के गौरवमयी, यशस्वी, त्याग, वीरता, स्वाभिमान के लिए अखण्ड भारतवर्ष के लिए जो प्रतिमान स्थापित किया वह आज भी बदलते विश्व में हिन्दु धर्म व सनातन संस्कृति के लिए प्रकाशपुंज है।
सन् 713 ई. में मौरी वंश (मानसिंह मौर्य) का शासन था, तदुपरान्त 734 ई. में बाप्पा रावल ने मान मौर्य से चित्तौड़ विजयोपरान्त वहीं बाप्पा का चित्तौड़ दुर्ग स्थित राज टीले पर राजतिलक हुआ। जो कि तत्कालीन राजधानी नागदा में रहने वाले पुरोहित वशिष्ठ रावल के द्वारा सम्पन्न हुआ। बाप्पा ने राज्यारोहण के पश्चात् चित्तौड़ से नागदा आते समय मार्ग में गवारड़ी ग्राम में एक मन्दिर का निर्माण कराया था। साथ ही श्री एकलिंगजी का मन्दिर एवं उसके पीछे इन्द्र सागर (भोजेला तालाब) और  घासां ग्राम में तालाब का निर्माण कराया। कर्नल टॉड ने बाप्पा का 26 वर्षों तक राज्य करना लिखा है, कुम्भाकालीन एकलिंग माहात्म्य के 20वें अध्याय में उल्लेख हुआ कि उसने सं. 810 में अपने पुत्र खुमाण रावल को राज्य देकर राजधानी नागदा एकलिंग के पास आथर्वण ऋषि के पास सन्यास लेने आया। वहाँ बाप्पा की समाधि स्थल आज तक दर्शनीय है।
मेवाड़ के प्रसिद्ध इतिहास वीर विनोद में श्यालमदास ने महाराणाओं के नाम, जन्म संवत्, राज्याभिषेक संवत् एवं मृत्यु संवत् के साथ उनके समय के विवरण में प्राप्त शिलालेखों, प्रशस्तियों का संक्षिप्त विवरण भी दिया है। उस सूची में बाप्पा रावल के बाद 55वें महाराणा संग्रामसिंह का राज्यारोहण वर्ष 1565 (याने सन् 1508 ई.) इसी क्रम में सांगा पुत्र रतनसिंह का वि.सं. 1584 व विक्रमादित्य 1588 ई. (1531 सन्) व महाराणा उदयसिंह का चित्तौड़ में वि.सं. 1594 (1537 ई.) विक्रमादित्य के देहान्त पश्चात् बनवीर के उपद्रव कर सत्ता हड़पने के कारण दो वर्ष बाद उदयसिंह का राज्यारोहण हुआ।
स्मरण रहे कि गोगुन्दा में वि.सं. 1628 में उदयसिंह के निधन पर कनिष्ठ पुत्र जगमाल का परम्परा विरूद्ध राजतिलक किए जाने पर तत्कालीन प्रमुख सामन्तों द्वारा वरिष्ठ पुत्र महाराणा प्रताप का राजतिलक परम्परानुसार सम्पन्न किया गया। इसी क्रम में अमरसिंह प्रथम का वि.सं. 1653, कर्णसिंह का 1676 (वि.सं.) जगतसिंह वि.सं. 1684, राजसिंह का वि.सं. 1709 में, जयसिंह का वि.सं. 1737, अमरसिंह द्वितीय का वि.सं. 1755, संग्रामसिंह द्वितीय का वि.सं. 1767, जगतसिंह द्वितीय का वि.सं. 1790 एवं प्रतापसिंह द्वितीय का वि.सं. 1808, राजसिंह द्वितीय का वि.सं. 1810, अरिसिंह का वि.सं. 1817, हम्मीर सिंह द्वितीय का वि.सं. 1829, महाराणा भीमसिंह का राज्यारोहण वि.सं. 1834, महाराणा जवानसिंह वि.सं. 1885, महाराणा सरदारसिंह वि.सं. 1895, महाराणा स्वरूपसिंह वि.सं. 1899, महाराणा शुभुसिंह वि.सं. 1918, महाराणा सज्जनसिंह वि.सं. 1931, महाराणा फतहसिंह वि.सं. 1941, महाराणा भूपालसिंह वि.सं. 1987, महाराणा भगवतसिंह वि.सं. 2012, महाराणा महेन्द्रसिंह मेवाड़ वि.सं. 2041 राजतिलक सम्पन्न हुआ।
मेवाड़ घराने के कुल परम्परानुसार शासक भगवान श्री एकलिंगनाथ जी ही रहे हैं। राणा एवं महाराणा उनके दीवाण कहे जाते हैं। मेवाड़ के समस्त ताम्रपत्रों, शिलालेखों, प्रशस्तियों एवं पट्टों पर श्री गणेश प्रसादातु, श्री रामो जयतु एवं श्री एकलिंग प्रसादातु का उल्लेख होना यह सिद्ध करता है कि विश्व के इतिहास में मेवाड़ राज्य की शासन प्रणाली न तो पाश्चात्य देशों की राजतन्त्रात्मक और न ही धर्मतन्त्रात्मक प्रणाली थी अपितु यूनान की तरह देवतन्त्रात्मक या देवीय राज्य व्यवस्था थी। जो विशुद्ध रूप से आदर्श जनतन्त्रात्मक व्यवस्था थी। इसी परम्परा के निर्वहन में स्व. महाराणा महेन्द्र सिंह मेवाड़ के निधन के पश्चात् सनातन धर्म  संस्कृति परम्परानुसार महाराज कुमार विश्वराज सिंह मेवाड़ वि.सं. 2081 (25 नवम्बर, 2024 ई. ) का तिलक दस्तुर समारोह का आयोजन होना भारतीय समाज और संस्कृति के अनुरूप है।


Discover more from 24 News Update

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

By desk 24newsupdate

Watch 24 News Update and stay tuned for all the breaking news in Hindi ! 24 News Update is Rajasthan's leading Hindi News Channel. 24 News Update channel covers latest news in Politics, Entertainment, Bollywood, business and sports. 24 न्यूज अपडेट राजस्थान का सर्वश्रेष्ठ हिंदी न्‍यूज चैनल है । 24 न्यूज अपडेट चैनल राजनीति, मनोरंजन, बॉलीवुड, व्यापार और खेल में नवीनतम समाचारों को शामिल करता है। 24 न्यूज अपडेट राजस्थान की लाइव खबरें एवं ब्रेकिंग न्यूज के लिए बने रहें ।

Leave a Reply

error: Content is protected !!

Discover more from 24 News Update

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading

Discover more from 24 News Update

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading