24 न्यूज अपडेट. उदयपुर। वाटर कॉन्क्लेव में आने वाले नेताओं व अफसरों आदि का नयन सुख देने के लिए जल प्रवाह करने की चर्चाओं के बीच उदयपुर शहर की फतहसागर और पिछोला झीलों को गर्मी से पहले भरने के कथित मकसद से जल संसाधन विभाग ने आकोदड़ा बांध से पानी छोड़ दिया है। यह पानी सीसारमा नदी के जरिए पिछोला झील में आया व लिंक चैनल द्वारा फतहसागर झील तक पहुंचा। सवाल इसकी टाइमिंग को लेकर उठ रहा है क्योंकि इससे पहले कभी इस कालखंड में पानी इस तरह से नहीं लाया गया। इससे कम पानी होने पर भी पानी नहीं लाया गया। आंकड़े भी इसके गवाह हैं। लेकिन आजकल सबकुछ नेता व अफसर भरोसे होने से जनता के पास जल का कलकल होते देखने के अलावा कोई चारा नहींं है। क्योंकि कागजों में प्रशासनिक तर्क पहले ही दिए जा चुके हैं।
आकोदड़ा बांध से पानी दोपहर करीब 3 बजे जल संसाधन विभाग ने बांध का एक गेट खोल कर छोड़ा। देर रात तक यह पानी पिछोला झील में पहुंच गया है। सीसारमा नदी में इससे पानी का बहाव हुआ है। इसका पहले ही अलर्ट जारी कर दिया गया था। पानी पहले नांदेश्वर टैंक और सीसारमा नदी से होते हुए पिछोला झील में आया। फिर लिंक चैनल के जरिए फतहसागर झील तक पहुंच सकता है। अभी फतहसागर झील कुल 13 फीट क्षमता,की है जिसमें 9 फीट पानी है। पिछोला कुल 11 फीट क्षमता, अभी 8.6 फीट पानी है। पानी छोड़े जाने के बाद दोनों झीलें पूरी तरह भर जाएंगी ऐसी उम्मीद की जा रही है।
आंकड़े दिए जा रहे हैं कि 1.75 लाख से अधिक लोगों को इस पानी से पेयजल आपूर्ति होती है। पिछोला झील से 31 मिलियन लीटर प्रति दिन पानी लिया जाता है, जो पुराने शहर के 1.25 लाख लोगों को जल उपलब्ध कराता है। फतहसागर झील से 17 एमएलडी पानी लिया जाता है, जिससे भुवाणा, फतहपुरा और अन्य इलाकों के 50 हजार से ज्यादा लोग लाभान्वित होते हैं। जल संसाधन विभाग ने अलसीगढ़, आकोदड़ा और मादड़ी बांध से 130 मिलियन क्यूबिक फीट पानी लाने की योजना बनाई है।
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