उदयपुर, 21 जून। जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय एवं भूपाल नोबल्स विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में शुक्रवार को 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर भूपाल नोबल्स संस्थान के इंडोर स्टेडियम में भव्य योग शिविर का आयोजन किया गया। “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य” की थीम पर आधारित इस आयोजन में सैकड़ों विद्यार्थियों, विश्वविद्यालय कर्मचारियों और शहरवासियों ने भाग लिया।
शिविर का शुभारंभ कुलपति प्रो. शिवसिंह सारंगदेवोत, कुलाधिपति भंवरलाल गुर्जर, बीएन संस्थान के मंत्री डॉ. महेन्द्र सिंह आगरिया, वित्त मंत्री शक्ति सिंह कारोही, संयुक्त मंत्री राजेन्द्र सिंह ताणा एवं सदस्य डॉ. युवराज सिंह राठौड़, कमलेश्वर सिंह सारंगदेवोत, डॉ. भूपेन्द्र सिंह चौहान व डॉ. रोहित कुमावत द्वारा माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलन के साथ हुआ।
योग गुरुओं का प्रभावशाली सत्र
योग प्रशिक्षकों डॉ. रोहित कुमावत, रंजना राणा, अनिता राजपूत, नम्रता दवे और मानव कुमावत ने प्रतिभागियों को प्राणायाम, अनुलोम-विलोम, वज्रासन, चक्रासन, हलासन, सर्वांगासन, पश्चिमोत्तानासन, गोमुखासन, मत्स्यासन, उष्ट्रासन, ताड़ासन और पादहस्तासन का अभ्यास कराया। करीब एक घंटे तक चले इस योग सत्र के अंत में हास्य योग का अभ्यास भी कराया गया, जिससे वातावरण आनंदमय हो गया। समारोह में सभी योग प्रशिक्षकों को आयोजकों द्वारा स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया गया।
योग: शारीरिक नहीं, आत्मिक साधना – प्रो. सारंगदेवोत
कुलपति प्रो. सारंगदेवोत ने कहा, “भारत प्राचीन काल से योग के माध्यम से विश्वगुरु रहा है। आज की तकनीकी पीढ़ी योग से दूर होकर मानसिक और शारीरिक व्याधियों की ओर बढ़ रही है। योग न केवल आंतरिक पूर्णता, बल्कि पंचतत्वों के संतुलन की प्रक्रिया है, जिससे जीवन में शारीरिक, मानसिक, संवेदनात्मक व प्राकृतिक संतुलन स्थापित होता है।” उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे योग को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं।
योग: हर रोग का समाधान – डॉ. महेन्द्र सिंह आगरिया
बीएन संस्थान के मंत्री डॉ. महेन्द्र सिंह आगरिया ने कहा, “गीता में योग को कर्म की कुशलता बताया गया है। मधुमेह, कब्ज, सर्वाइकल और अन्य मानसिक व शारीरिक रोग योग के माध्यम से दूर किए जा सकते हैं। योग सकारात्मक विचारों का स्रोत है, जिससे शरीर में नई ऊर्जा का संचार होता है।” इस अवसर पर रजिस्ट्रार डॉ. तरुण श्रीमाली, डीन प्रो. रेणु राठौड़, प्रो. सरोज गर्ग, परीक्षा नियंत्रक डॉ. पारस जैन, डॉ. भपानी पाल सिंह राठौड़, डॉ. दिलीप सिंह चौहान, प्रो. प्रेमसिंह रावलोत, प्रो. मलय पानेरी, प्रो. गजेन्द्र माथुर, डॉ. अमिया गोस्वामी, डॉ. अमी राठौड़, डॉ. रचना राठौड़, डॉ. सुनीता मुर्डिया सहित दोनों विश्वविद्यालयों के डीन और डायरेक्टर ने भी योगाभ्यास में भाग लिया।
योग केवल आंतरिक पूर्णता नहीं, पंचतत्वों के संतुलन की प्रक्रिया है – प्रो. सारंगदेवोत

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