24 न्यूज़ अपडेट उदयपुर। मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा और केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल मंगलवार को प्रताप गौरव केन्द्र ‘राष्ट्रीय तीर्थ’ पहुंचे और उन्होंने महाराणा प्रताप की विशाल बैठक प्रतिमा पर पुष्पांजलि नमन के साथ केन्द्र के परिसर पर कर्म भूमि से मातृभूमि अभियान के तहत जल संचय-जन भागीदारी के अन्तर्गत बोरवैल का विधिवत पूजन कर शुभारंभ किया। जल संरक्षण हेतु जनभागीदारी सुनिश्चित करने के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के इस महत्वाकांक्षी अभियान के तहत आमजन एवं संस्थाओं को जोड़ने के क्रम में प्रताप गौरव केन्द्र में रिचार्ज वैल का निर्माण किया जा रहा है। इस अवसर पर राजस्थान के जल संसाधन मंत्री सुरेश रावत, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री कन्हैयालाल चौधरी सहित विभिन्न जनप्रतिनिधि व गणमान्य अतिथि भी मौजूद रहे।
अतिथियों के केन्द्र पहुंचने वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप समिति के अध्यक्ष प्रो. भगवती प्रसाद शर्मा, केन्द्र के निदेशक अनुराग सक्सेना, सचिव महावीर चपलोत, वरिष्ठ इतिहासविद डॉ. देव कोठारी, जल विशेषज्ञ डॉ. अनिल मेहता, जयदीप आमेटा, लघु उद्योग भारती के जिलाध्यक्ष मनोज जोशी, प्रताप गौरव शोध केन्द्र के निदेशक डॉ. विवेक भटनागर, कैलाश हकीम, दिनेश राजपुरोहित, अनुराग कोठारी, समाजसेवी गजपाल सिंह राठौड़, उप जिला प्रमुख पुष्कर तेली, बड़गांव प्रधान प्रतिभा नागदा, समाजसेवी शंभू गमेती, आर्किटेक्ट सुनील लढ्ढा आदि ने स्वागत किया।
प्रताप गौरव केन्द्र में बन रहा रिचार्ज वैल
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर शुरू किये गये कर्म भूमि से मातृभूमि अभियान के तहत जल संचय-जन भागीदारी के अन्तर्गत कई लोग भूजल पुनर्भरण के लिए रिचार्ज वैल बनाने में योगदान दे रहे हैं। उदयपुर में भी प्रताप गौरव केन्द्र परिसर में वर्षा जल संचय के लिए रिचार्ज वैल का निर्णय किया गया। इस संकल्प के तहत गौरव केन्द्र परिसर में रिचार्ज वैल के कार्य का मंगलवार से श्रीगणेश हुआ।
यह है अभियान
6 सितंबर, 2024 को गुजरात के सूरत में माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा “जल संचय जन भागीदारी“ अभियान प्रारंभ किया गया। इसके तहत सरकारी और गैर-सरकारी संसाधन सहायता के माध्यम से वर्षा जल संचयन, जलभृत पुनर्भरण, बोरवेल पुनर्भरण, रिचार्ज शाफ्ट निर्माण कर भूजल पुनर्भरण किया जाना है। साथ ही भारत सरकार ने जल शक्ति अभियान, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (एमजीएनआरईजीएस) और अटल भूजल योजना सहित कई कार्यक्रम लागू किए हैं, जिनका उद्देश्य जल संरक्षण और वर्षा जल संचयन को बढ़ावा देना है। इन सामूहिक प्रयास के माध्यम से व्यापक जागरूकता पैदा करते हुए दस लाख संरचनाओं का निर्माण किया जाएगा।
राजस्थान में 7 जिलों में 337 कार्य
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के इस अभियान के तहत प्रदेश में 45 हजार जल संचय संरचनाओं के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है। वर्तमान में प्रदेश के सिरोही, पाली, जोधपुर, भीलवाड़ा, झूंझुनूं, जयपुर व बीकानेर जिलों में कुल 337 कार्य प्रस्तावित है। जिनमें से 64 कार्य पूर्ण हो चुके है और 273 प्रगतिरत है। इसके तहत चेक डैम, परकोलेशन टैंक और पुनर्भरण कुएँ आदि रिचार्ज संरचनाओं का निर्माण किया जा रहा है।
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