24 न्यूज़ अपडेट उदयपुर. मकर सक्रांति के अवसर पर प्रसिद्ध स्वर्ण शिल्पकार और विश्व रिकॉर्ड धारक डॉ. इक़बाल सक्का ने एक बार फिर अपने अनोखे हुनर से भारत का नाम रोशन किया है.उन्होंने जीरो वॉट बल्ब के अंदर मकर संक्रांति से जुड़े पारंपरिक खेलों की सूक्ष्म कलाकृतियां बनाकर भारत की सांस्कृतिक विविधता और एकता का अनूठा संदेश दिया है .भारत में मकर संक्रांति का पर्व विभिन्न प्रांतों में अलग-अलग परंपराओं के साथ मनाया जाता है.कहीं पतंगबाजी होती है, तो कहीं गिल्ली-डंडा, सतोलिया और मारदड़ी जैसे खेल खेले जाते हैं.डॉ. सक्का ने इन सभी खेलों को प्रतीकात्मक रूप से एकत्रित करते हुए बल्ब के अंदर उनकी झलक प्रस्तुत की है.
सूक्ष्म कला का अद्भुत प्रदर्शन
जीरो वॉट बल्ब के अंदर उन्होंने रंग-बिरंगी पतंगें, चरखी, सोने की गिल्ली और डंडा, सतोलिया की गेंद और 10 खिलाड़ियों को कागज, चांदी और सोने की मदद से अत्यंत सूक्ष्म रूप में तैयार किया है.इन कलाकृतियों को केवल सूक्ष्म लेंस की सहायता से देखा जा सकता है.बल्ब के अंदर खेलते हुए खिलाड़ी और उड़ती पतंगें देखने पर भारत के हर प्रांत की पारंपरिक झलक दिखाई देती है.
भारत की एकता का प्रतीक
डॉ. सक्का का यह अद्भुत कार्य केवल कला का प्रदर्शन नहीं है, बल्कि यह भारत की विविध संस्कृति और एकता को दर्शाने का माध्यम है.उन्होंने कहा, “यह कलाकृति हमारे देश की सांस्कृतिक विविधता और खेलों के माध्यम से एकता का संदेश देती है। हर राज्य के खेल हमारे देश की धरोहर हैं, और इन्हें सम्मान देना मेरा उद्देश्य है.
डॉ. सक्का की इस कृति को देशवासियों के बीच खूब सराहना मिल रही है.यह न केवल उनकी रचनात्मकता और सूक्ष्म शिल्पकला का प्रमाण है, बल्कि यह संदेश भी है कि विभिन्नता में एकता ही भारत की सबसे बड़ी शक्ति है.

