24 न्यूज अपडेट. उदयपुर: बी. एन. कृषि महाविद्यालय द्वारा गुरुवार को विश्व मृदा दिवस मनाया गया। इस कार्यक्रम के दौरान महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. फतह लाल शर्मा ने विद्यार्थियों को बताया कि मानव का स्वास्थ्य मिट्टी स्वास्थ्य के उपर निर्भर करता है। मिट्टी का स्वास्थ्य की देखभाल हम सभी की जिम्मेदारी है तथा विभिन्न फसलो की पैदावार के दौरान रासायनिक उर्वरकों को कम से कम उपयोग करना चाहिए एवं जैविक खादों का उपयोग अधिक से अधिक करना चाहिए।अधिष्ठाता ने विद्यार्थियों से आव्हान किया कि सभी विद्यार्थियों को अपने खेत में जैविक खादों का उपयोग हेतु अपने माता-पिता व किसानों को बतावे। इस अवसर पर सभी छात्रों को यह भी बताया कि विश्व मृदा दिवस की शुरुआत थाईलैण्ड के राजा भूमिबोल अदुत्यादेज की पहल पर हुई। रुसी भूविज्ञानी, भूगोलवेत्ता और मृदा वैज्ञानिक वसीली डोकुचेव को व्यापक रुप से मृदा विज्ञान के जनक के रुप में जाना जाता है। वे पहले व्यक्ति थे जिन्होनें मिट्टी को जीवित प्रणाली माना और मिट्टी को एक जैविक विज्ञान के रुप मे देखा। विश्वविद्यालय के चेयरपर्सन कर्नल प्रो शिव सिंह सारंगदेवोत, प्रेसीडेंट डॉ एम ऐस आगरिया, संस्थान प्रबंध निदेशक मोहब्बत सिंह राठौड़ और विश्वविद्यालय कुलसचिव डॉ निरंजन नारायण सिंह राठौड़ ने बधाई देते हुए अपने संदेश में कहा की कार्यक्रम का उद्देश्य हमारी मिट्टी के लिए आवश्यक खतरों के बारे में शिक्षित करना और जागरूकता बढ़ाना है, जीवन के लिए मिट्टी का संरक्षण बेहद जरूरी है। यह कार्यक्रम एन.एन.एस. के तत्वाधान में कार्यक्रम अधिकारी डॉ. पी. एस. राव के देखरेख में आयोजित किया गया तथा कार्यक्रम के दौरान उन्होनें मिट्टी के महत्व के बारे विस्तृत जानकारी प्रदान की। कार्यक्रम का संचालन सुश्री प्रेक्षा नागर ने किया

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