24 न्यूज अपडेट, स्टेट डेस्क। राजस्थान की 6759 ग्राम पंचायतों के लिए सरकार ने मौजूदा सरपंचों को ही प्रशासक नियुक्त कर दिया है। सरपंचों की सहायता के लिए हर ग्राम पंचायत लेवल पर एक प्रशासकीय कमेटी बनेगी। उपसरपंच और वार्ड पंच मेंबर होंगे। ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग ने सरपंचों को प्रशासक नियुक्त करने और प्रशासनिक समिति बनाने के नोटिफिकेशन जारी किया है। राजस्थान सरकार ने एमपी मॉडल को काम में लिया है। वहां ऐसा प्रयोग हो चुका है। वन स्टेट वन इलेक्शन के तहत ये सब हो रहा है। राजस्थान में 6759 ग्राम पंचायत का कार्यकाल जनवरी में समाप्त हो रहा है व कार्यकाल बढाने की लंबे समय से सरपंचों की मांग थी। 31 जनवरी से पहले चुनाव करवाने जरूरी थे ऐसे में सरकार ने अपनी वन स्टेट वन इलेक्शन की नीति लागू करने के लिए पंचायती राज संस्थाओं के पुनर्गठन का फैसला किया है। पुनर्गठन के बाद ही चुनाव होंगे। जिन पंचायत का कार्यकाल पूरा हो गया है उनमें सरपंच प्रशासक का काम करेंगे लेकिन उन्हें प्रशासनिक समिति से राय लेनी होगी। सभी जिलों के कलेक्टर अपने-अपने इलाके में जिन ग्राम पंचायत का कार्यकाल पूरा हो रहा है। उनमें प्रशासक लगाने और प्रशासनिक समिति बनाने का काम करेंगे। आपको बता दें कि प्रदेश में 11000 से ज्यादा ग्राम पंचायत हैं। वन स्टेट वन इलेक्शन के तहत सभी पंचायती राज संस्थाओं का एक साथ चुनाव करवाने के लिए प्रशासक लगाने जरूरी थे। 6759 ग्राम पंचायत का कार्यकाल जनवरी में पूरा हो रहा है। 704 पंचायत का कार्यकाल मार्च में में पूरा हो रहा है। 3847 पंचायत का कार्यकाल सितंबर अक्टूबर में पूरा हो रहा है। चुनाव के इस गैप को कम करने के लिए प्रशासक लगाने का फैसला किया है। अब ग्राम विकास अधिकारी क्या करेंगे यह सवाल खडा हो गया है। एक पेंच यह है कि सरपंचों को ग्राम पंचायत का प्रशासक नियुक्त करने की समय सीमा भी अधिसूचना में तय नहीं है। जब तक पंचायत राज चुनाव की घोषणा नहीं होगी। तब तक सरपंच ही प्रशासक के तौर पर काम करते रहेंगे। नई ग्राम पंचायत और पंचायत समितियां के लिए कलेक्टर 20 जनवरी से 18 फरवरी तक कलेक्टर प्रस्ताव तैयार करेंगे।
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