24 न्यूज अपडेट. उदयपुर। राजस्थान भाजपा के प्रभारी राधामोहन दास अग्रवाल इन दिनों चर्चा में है। तल्ख राजनीति के केंद्र में आ गए हैं। उन्होंने सचिन पायलट को लेकर बयान में जिस शब्द का प्रयोग किया अब उसका जमकर विरोघ हो रहा है। कांग्रेस की ओर से विरोध का मोर्चा खोलते हुए हर जगह विरोध की बात कही जा रही है। दूसरी ओर अग्रवाल भी अपने बयान को लेकर पूरी तरह से आक्रामक अंदाज में राजनीति की पिच पर खेलते हुए चुनौती दे रहे हैं। कल उनकी कार पर उदयपुर में स्याही फेंकी गई तो इससे पहले जयपुर में उनके पोस्टर पर स्याही मलते हुए विरोध किया गया। कई जगहों पर अग्रवाल के पुतले फूंके गए। आज अग्रवाल मीडिया से मुखातिब हुए तो ना सिर्फ अपने बयानों का बचाव करते दिखाई दिए बल्कि हमलावर भी हुए व तेवर भी दिखाए। बोले- उदयपुरएयरपोर्ट पर जो हुआ, दुःखी करने वाला था। इस घटना से मैं आश्चर्यचकित हूं। कांग्रेस पार्टी अपने नौजवानों का किस तरह से दुरूपयोग करती है। मुझे इसका अहसास नहीं हुआ था। यहीं पर छोटे से बच्चे देवराज की चाकू घोंपकर हत्या कर दी गई। कांग्रेस के नौजवान उस हत्या के विरोध में सडकों पर उतरे होते तो राजस्थान कितना गौरवान्वित हो रहा होता। कांग्रेस नेता राहुली गांधी कुर्सी के फेर में देश को तोड़ने वाली नेशनल कान्फ्रेंस के साथ चुनाव लड़ रहे हैं जो कह रहे हैं कि दो प्रधान दो निशान फिर लागू करेंगे। वहां के नेता कहते हैं कि सारे आतंकवादियों को रिहा कर देंगे व एक करोड का अनुदान देंगे। इस देश का बंटवारा मुस्लिम लीग ने करवाया। राहुल गांधी ने मुस्लिम लीग से समझौता कर चुनाव जीता। अगर ये नौजवान उनसे इन सबके बारे में पूछ रहे होते तो हम उनसे कदम से कदम मिला कर चल रहे होते। बंगलादेश में हजारों हिंदुओं का कत्लेआम हो गया मगर कांग्रेस व कार्यकर्ता व्याकुल नहीं है। मैं पूछना चाहता हूं सचिन पायलट से चलो आपको बुरा लगा कि मैंने यह कह दिया…….। हां मैंने कहा है…। उनका कोई समय होता था वो समय खत्म हो गया है। राजनीति में हम उनको कमजोर नहीं बताएंगे तो क्या दारासिंह पहलवान बताएंगे। कोई गाली थी क्या। अभद्र भाषा थी क्या। कोई असांस्कृतिक या अभद्र शब्दों का प्रयोग हुआ था। कोई अमार्यादित बॉडी लेंग्वेज थी। ये तो सच्चाई है। अगर आपको ये सच्चाई दिखाई जा रही है तो इतना नाराज होने की क्या जरूरत है। निंदक नियरे राखिये, आंगन कुटी छवाया। मुझे धन्यवाद कीजिए कि जब उप चुनाव होंगे तब डाक्टर साहब मैं आपको अपनी ताकत दिखा दूंगा। अब आप तो जयपुर में कोशिश कर रहे हैं, आसपास के शहरों में केशिश कर रहे हैं तो पुतला आप मेरा जला रहे हैं या अपना जला रहे हैं ये आप अपने उपर विचार करिये। मुझे इससे क्या फर्क पडने वाला है। इस देश का लोकतंत्र आपको लड़ने का अधिकार देता है यहां तक तो चलता है लेकिन रात को भीड़ करके नौजवानें के साथ आप सोचेंगे कि हम गाडी पर आक्रमण करेंगे,,,,मान लीजिए शीशा टूट गया होता तो,,,इस राजस्थान में रहते हुए आज के बाद मेरे जीवन पर किंचित मात्र भी खतरा आता है तो मैं उसके लिए सिर्फ और सिर्फ सचिन पायलट को जिम्मेदार मानूंगा। राजनीति का यह कोई तौर तरीका नहीं है। मैं आग्रह करता हूं कि अपनी लडाई के तौर तरीकों पर वे विचारकरें। मजबूती के साथ लोकतांत्रिक व सैद्धांतिक तरीके से लड़ें, राजनीतिक रूप से हम लोगों को परास्त करें। दुबारा अगर इस प्रकार की गतिविधि हुई तो हमारे भजपा के काय्रकर्ताओं के भी धेर्य की सीमा है। मैंने तो अभी कुछ कहा ही नहीं है। जब मैं कहना शुरू करूंगा तो बडी समस्या पैदा हो जाएगी। पायलट बड़े नेता हैं, अपनी पार्टी में परेशान हैं। मैंने एक-एक शब्द जो बोले, ये मेरी माफी है। अभी मैंने इतना ही कहा। अभी बहुत कुछ कहना बाकी है। अपनी मजबूती वोट बैंक और मतदान केंद्र पर दिखाएं। भगवान श्रीकृष्ण के बैनर पर उन युवाओं ने काली स्याही फेंकी, यह कौन सी मजबूरी है। मैंने तो मुकदमा दर्ज नहीं कराया। नौजवानों को सही दिशा दें। स्व. राजेश पायलट देश के बड़े राष्ट्र नेता रहे हैं। पूरा देश उनका सम्मान करता है।
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