24 न्यूज़ अपडेट सलूंबर. सार्वजनिक निर्माण विभाग सलूंबर में टेंडर के लिए फर्जी दस्तावेज लगाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। मामले के खुलासे के बाद अब ठेकेदार और जिम्मेदार अधिकारियों पर जांच शुरू हो गई है। विभाग की ओर से नोटिस जारी किया गया है और ठेकेदार को लगभग 48 लाख की पेनल्टी तत्काल जमा कराने के निर्देश दिए गए हैं। इतनी बड़ी पेनल्टी विभाग में संभवतः पहली बार लगाई गई है। ट्वंटी फोर न्यूज अपडेट की टीम को जब इस मामले को दबाने के प्रयास की खबर मिली तो हमने मामले की गहरी पड़ताल की। इस दौरान कई चौंकाने वाले खुलासे हुए।
यह मामला सलूंबर में बरोड़ा से सेमारी,-सराड़ा, पांडर कुडी से सलूंबर तक की सड़क के टेंडर का है। इसमें एक फर्म ने नियमों को ताक में रख कर फर्जी दस्तावेज लगाए और जैक जुगाड़ से टेंडर अपने पक्ष में पारित करवा दिया। इसमें उपर के स्तर तक मिलभगत का खेल चल रहा था लेकिन जब मामला उदयपुर अतिरिक्त मुख्य सहायक अभियंता सार्वजनिक निर्माण विभाग संभाग प्रथम अशोक शर्मा के पास पहुंचा तो पोल खुल गई । आपको बता दें कि यह मामला बाईस करोड़ के पैकेज से पच्चीस किलोमीटर की सड़क बनाने का है। छब्बीस नवंबर दो हजार चौबीस को टेंडर निकाला गया था। लगभग इक्कीस करोड़ अठारह लाख के पैकेज से पच्चीस किलोमीटर की सड़क बनाने का जिम्मा देना था। यह सड़क सलूंबर, बरोड़ा से सेमारी, सराड़ा, पांडर कुडी से सलूंबर तक बनानी थी। इसके टेंडर की प्रकिया में वही ठेकेदार भाग ले सकता था जिसको कुल काम के मूल्य के 33 प्रतिशत मूल्य वाले काम को करने का अनुभव पहले से हो। इस मामले में फर्म प्रकाश चंद्र औदिच्य के पास ऐसा कोई अनुभव नहीं था लेकिन उसके बावजूद टेंडर दे दिया गया। जब दस्तावेज खंगाले गए तो उसमें भी गड़बड़ी नजर आई।
अब बताते हैं कि आखिर कैसे हुआ मामले का खुलासा। दरअसल सलूंबर पीडब्ल्यूडी विभाग ने सभी ठेकेदारों से टेंडर के आवेदन ले लिए और बिना जांच पड़ताल किए टेंडर खोल दिए गए। जब मामला उदयपुर मुख्य सहायक अभियंता के पास पहुंचा तो अधिकारियों की अनदेखी और ठेकेदार के फर्जीवाड़े का खेल खुलकर सामने आ गया। जिस ठेकेदार को टेंडर दिया गया वो उस कैटेगरी का था ही नहीं जिसमें उसने टेंडर डाला था। अधिकारी ने तुरंत टेंडर निरस्त कर दिया और नियमानुसार दूसरे स्थान पर ही फॉर्म के नाम पर टेंडर खोला गया। यही नहीं, फर्जी दस्तावेज लगाने वाली फार्म पर लगी 2 प्रतिशत राशि की पेनल्टी लगाई गई है और इसके लिए बकायदा फर्म को नोटिस भी दिया गया है। पेनल्टी की यह राशि लगभग 48 लाख की पेनल्टी अब फर्म को जमा करवानी ही होगी।
इस मामले में हमने बात की मुख्य सहायक अभियंता अशोक शर्मा से। शर्मा ने बताया कि जांच रिपोर्ट में अगर संबंधित प्रकाश ऑदीच्य ठेकेदार फर्म की गड़बड़ी पाई गई तो फर्म ब्लैक लिस्ट की जा गई। अगर अधिकारियों की अनदेखी सामने आई तो उन पर भी कार्रवाई होगी। आपको बता दें कि इस मामले में जब हमने ठेकेदार प्रकाश औदीच्य से बात करनी चाही तो उन्होंने व्यस्त होने व बाद में बात करने की बात कहते हुए टाल दिया।
बड़ा खुलासा : पीडब्ल्यूडी में फर्जी दस्तावेजों से हासिल कर लिया 21 करोड़ 18 लाख का टेण्डर, अब भरने पड़ेगी 43 लाख की पेनल्टी

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