24 न्यूज अपडेट उदयपुर। विज्ञान समिति प्रबुद्ध चिन्तन प्रकोष्ठ ने आज श्री शरद चन्द्र पुरोहित द्वारा सफल जीवन यात्रा के सुगम रास्ते दर्शाता ” ईश्वर , प्रकृति और हम” पर व्याख्यान आयोजित हुआ। अपने व्याख्यान मे पुरोहित ने कहा कि सभी आस्तिक लोग इस बात से सहमत है कि एक महान शक्ति इस संसार को चला रही है जिसे हम ईश्वर अल्लाह भगवान (God) आदि अनेक रुपों मे विषम परिस्थितियों मे विशेषकर याद करते हुए उससे उभारने मे मदद मांगते है । धर्म हमें इस अद्भुत शक्ति कि अपने अपने पंतानुसार अराधना करना सिखाता है। धर्मो/ पंतो के बीच मतान्तर एक ऐसी स्थिति उत्पन्न करता है जो सही दिशा के अभाव मे वैमनस्यता व टकराव पैदा करने मे सक्षम होता है । अत: आज के परिदृश्य मे सभी धर्म ग्रंथों की समानताओं का विश्लेषण होना चाहिये जैसे गीता और कुरान, गीता और बाईबल आदि ताकि सभी धर्मो के बीच नजदीकी बढ़ सके। ऐसा होने पर मनुष्य की पहचान प्रकृति प्राप्त गुणों पर आधारित उसके कर्मों के अनुसार होने लगेगी ना कि उसके जन्म के आधार पर ।
विज्ञान समिति के मीडिया प्रभारी प्रोफेसर विमल शर्मा ने बताया कि आज विज्ञान समिति प्रबुद्ध चिंतन प्रकोष्ठ की मासिक संगोष्ठी में सभी का स्वागत प्रकोष्ठ प्रभारी मुनीश गोयल ने किया , प्रकाश तातेड़ ने मुख्य वक्ता का परिचय सदन से कराया व अध्यक्ष के पी तलेसरा ने सभी का आभार व्यक्त किया । कुल प्रमुख डा. के. एल. कोठारी, एस सी के वैद, नितिन पालिवाल, वर्धमान मेहता, डा नरेश शर्मा, डा विमल शर्मा, श्रीमती रेणु भंडारी, आर के चतुर, डॉ आर के गर्ग, राकेश कुमार दशोरा, एम पी जैन, अरुण अग्रवाल, अनिल भटनागर , अशोक कुमार जैन, महेंद्र कुमार मेहता, सहित प्रकोष्ठ के सदस्य उपस्थित थे
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