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प्रताप गौरव केन्द्र में 4 दिवसीय प्रताप जयंती समारोह का आरंभ

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—पांच कार्यशालाओं में झलका प्रतिभागियों का उत्साह
—कूंची के कलाकारों ने रंगों से सजाई विरासत
—जीवन कौशल और कथा कथन में पाई जानी अपने में छिपी प्रतिभा

24 न्यूज अपडेट उदयपुर। उदयपुर, 6 जून। प्रात: स्मरणीय वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की जयंती के उपलक्ष्य में प्रताप गौरव केन्द्र ‘राष्ट्रीय तीर्थ’ में गुरुवार से चार दिवसीय महाराणा प्रताप जयंती समारोह का शुभारंभ हुआ। पहले दिन शुरू हुई पांच कार्यशालाओं में प्रतिभागियों का उत्साह देखते ही बना। राष्ट्रीय कला कार्यशाला और लघु फिल्म निर्माण कार्यशाला में प्रतिभागियों की संख्या ने इन विषयों के प्रति युवा वर्ग के रुझान को दर्शाया। पहले ही दिन से कूंची कलाकारों ने कैनवास पर रंगों से विरासत को सजाना शुरू कर दिया। वे कैनवास पर कूंची चलाते गए और प्रतिभागियों को गुर सिखाते गए। जीवन कौशल और कथा—कथन कार्यशाला में शामिल प्रतिभागियों को जब आरंभिक प्रायोगिक प्रस्तुतीकरण कराया गया, तब प्रतिभागियों को उनमें छिपी प्रतिभा का अंदाजा हुआ और उनका आत्मविश्वास और मजबूत हुआ।

महाराणा प्रताप जयंती समारोह के संयोजक सीए महावीर चपलोत ने बताया कि वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप समिति के तत्वावधान में चार दिवसीय समारोह का शुभारंभ गुरुवार को महाराणा प्रताप को नमन के साथ हुआ। सुबह के सत्र में संस्कार भारती के सहयोग से राष्ट्रीय कला कार्यशाला, कथा कथन कार्यशाला तथा जीवन कौशल एंव व्यक्तित्व विकास कार्यशाला शुरू हुई। कला कार्यशाला दिनभर चली, जबकि अन्य दो कार्यशालाएं दोपहर तक चलीं। दोपहर बाद के सत्र में राजस्थान विद्यापीठ के सहयोग से राष्ट्रीय पुरालेख एवं भाषा विज्ञान कार्यशाला तथा लघु फिल्म निर्माण कार्यशाला शुरू हुई। तीनों दिन कार्यशालाओं का यही क्रम रहेगा। बड़ी संख्या में ऐसे प्रतिभागियों ने भी हाथोंहाथ पंजीकरण कराया जो पोर्टल पर पंजीकरण नहीं करा सके थे।

इसी बीच, कार्यशालाओं में प्रतिभा​गियों को प्रशिक्षण देने के लिए विषय विशेषज्ञों का आगमन भी शुरू हो गया। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के पूर्व निदेशक डॉ. धर्मवीर शर्मा भी दोपहर में उदयपुर पहुंचे। वे 7—8—9 जून को प्राचीन लिपि कार्यशाला में प्रतिभागियों को मार्गदर्शन देंगे।

अनुदेशकों का स्वागत

—राष्ट्रीय कला कार्यशाला के संयोजक डॉ. मदन सिंह राठौड़ ने बताया कि राष्ट्रीय कला कार्यशाला का शुभारंभ प्रताप गौरव केन्द्र के पद्मिनी सभागर में वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप समिति के अध्यक्ष डॉ भगवती प्रकाश शर्मा एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के उदयपुर विभाग संघचालक हेमेन्द्र श्रीमाली के सान्निध्य में हुआ। कार्यशाला में आमंत्रित चित्रकारों में नई दिल्ली से डॉ लक्ष्मण प्रसाद, अजमेर से डॉ निहारिका राठौड़, उदयपुर से डॉ अनुराग शर्मा, डॉ रामसिंह भाटी, डॉ शंकर शर्मा, पुष्कर लोहार, डॉ निर्मल यादव, मनदीप शर्मा, हर्षित भास्कर एवं ओमप्रकाश सोनी का अभिनंदन किया गया।

—लघु फिल्म निर्माण कार्यशाला के संयोजक डॉ. सतीश अग्रवाल ने बताया कि कार्यशाला में अतुल गंगवार, अरविंद चौधरी और शुभम शर्मा ने प्रतिभागियों का आरंभिक प्रशिक्षण शुरू किया। इससे पूर्व, समारोह के संयोजक सीए महावीर चपलोत, सहसंयोजक नितिन रूपेश ने उनका स्वागत—अभिनंदन किया। प्रतिभागियों ने जमकर अपनी जिज्ञासाएं पूछीं और अनुदेशकों ने उन्हें समाधान दिए।

—राष्ट्रीय पुरालेख एवं भाषा विज्ञान कार्यशाला के संयोजक डॉ. विवेक भटनागर ने बताया कि प्राचीन लिपियों को पढ़ना सीखने के प्रति भी प्रतिभागियों का रुझान नजर आया। पुरातत्व शोधार्थी और प्राचीन इतिहास व संस्कृतियों को समझने की इच्छा रखने वाले कई उम्रदराज प्रतिभागी भी कार्यशाला में शामिल हुए। पहले दिन भीण्डर कॉलेज से सेवानिवृत्त प्राचार्य जे.के. ओझा ने राजस्थानी भाषा एवं लिपि पर व्याख्यान दिया। इससे पूर्व, प्रताप गौरव केन्द्र के निदेशक अनुराग सक्सेना व उपाध्यक्ष मदन मोहन टांक ने उनका स्वागत किया।

—कथा-कथन कार्यशाला के संयोजक गौरीकांत शर्मा ने बताया कि प्रथम दिन के प्रथम सत्र में थियेटर आर्टिस्ट मनीष शर्मा ने स्टोरी टेलिंग का परिचय, इसकी विधियां एवं आवश्यक तत्वों पर प्रतिभागियों के साथ संवाद किया। तत्पश्चात प्रसिद्ध मूकाभिनय कलाकार विलास जानवे ने स्टोरी टेलिंग में संवाद अदायगी, चरित्र गढ़ना, आवाज का उतार चढ़ाव और अभिनय की बारीकियों से अवगत कराया। सत्रांत में सभी प्रतिभागीयों ने दो–दो मिनट के लिए स्वयं की कहानी प्रस्तुत की। इससे पूर्व, वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप स्मारक समिति महामंत्री पवन शर्मा, मंत्री सुहास मनोहर ने दोनो प्रशिक्षकों का सम्मान किया। दूसरे दिन शुक्रवार को प्रसिद्ध स्टोरी टेलर निधीश गोयल अपने अनुभव साझा करेंगे और स्टोरी टेलिंग के जुड़े अनछुए पहलुओं पर प्रकाश डालेंगे।

—जीवन कौशल एवं व्यक्तित्व निर्माण कार्यशाला के संयोजक जयदीप आमेटा ने बताया कि बड़ी संख्या में उपस्थित प्रतिभागियों को विषय विशेषज्ञ रचना ए. सक्सेना तथा विकास छाजेड़ ने व्यक्तित्व विकास का महत्व बताया और उसके लिए जरूरी बातों को जीवन में अपनाने व उनका निरंतर अभ्यास करने की सीख दी। दोनों अनुदेशकों का स्वागत वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप समिति के कोषाध्यक्ष अशोक पुरोहित तथा सदस्य अनिल कोठारी ने किया। पहले दिन हाउ टू टॉक एनी वन तथा फाइंड माय कॅरियर पाथ का रहा।

9 जून को मास्टर क्लास में आएंगी शख्सियतें

-9 जून को सुबह 9.30 बजे से मास्टर कक्षाओं का क्रम शुरू हो जाएगा। पहली मास्टर क्लास का विषय भारतीय कला परम्परा में सांस्कृतिक राष्ट्र दृष्टि होगा जिसमें डॉ. सुनील विश्वकर्मा तथा वासुदेव कामत का उद्बोधन रहेगा। दूसरी, मास्टर क्लास 11 बजे शुरू होगी जिसका विषय भाषायी परम्परा में जीवंत भारत होगा जिसमें डॉ. ईश्वर शरण विश्वकर्मा तथा अभिजीत दांडेकर का उद्बोधन रहेगा। इसके बाद दोपहर 12.30 बजे से मोटिवेशनल टॉक होगी जिसमें राहुल कपूर जैन उद्बोधन देंगे। अपराह्न 2 बजे से सवा तीन बजे तक सिनेमा और भारतीय विमर्श पर व्याख्यान होगा जिसके वक्ता डॉ. चंद्रप्रकाश द्विवेदी तथा अशोक बांठिया होंगे। इसके बाद 3.30 बजे से 4.45 बजे तक धरती से जुड़ी कहानियां कार्यक्रम होगा जिसमें पीएम मोदी के चुनाव प्रचार अभियान के लेखक सुशील गोस्वामी तथा तेलुगु फिल्मों के अभिनेता, निर्माता, निर्देशक आदित्य ओम उद्बोधन देंगे।

8 को आएंगे मुख्यमंत्री और सहसरकार्यवाह

-प्रताप गौरव केन्द्र के निदेशक अनुराग सक्सेना ने बताया कि 8 जून को शाम साढ़े पांच बजे जयंती समारोह का उद्घाटन कार्यक्रम होगा। इसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल मुख्य वक्ता होंगे। कार्यक्रम में मुख्य आतिथि राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा होंगे। विशिष्ट अतिथि के रूप में नवनिर्वाचित सांसद मन्नालाल रावत, जीएम ग्रुप के चेयरमैन रमेश जैन, जी बिजनेस के प्रबंध सम्पादक अनिल सिंघवी, यूनियन बैंक के जीएम विपिन कुमार शुक्ला उपस्थित रहेंगे।

8 को होगी सेमिनार और अमरता री वातां

-8 जून को ही अपराह्न चार बजे जी बिजनेस के प्रबंध सम्पादक अनिल सिंघवी ‘आब्स्टेकल्स टू अपोर्चुनिटीज’ विषय पर उद्बोधन देंगे। रात्रि 8.30 बजे कथा-कथन ‘अमरता री वातां’ कार्यक्रम होगा। इसमें बाबा निरंजन नाथ महाराज, शांतिलाल गुलेचा, वैद्य लक्ष्मीनारायण जोशी, विलास जानवे, मनीष शर्मा व हर्षिता शर्मा कथा कथन करेंगे।

9 जून सुबह 7 बजे दुग्धाभिषेक से रात को कवि सम्मेलन तक विभिन्न कार्यक्रम

-9 जून को महाराणा प्रताप जयंती पर आयोजनों का आरंभ सुबह 7 बजे महाराणा प्रताप की विशाल 57 फ़ीट की बैठक प्रतिमा के दुग्धाभिषेक से होगा। यह कार्यक्रम राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के राजस्थान क्षेत्र प्रचारक निम्बाराम के सान्निध्य में होगा। सुबह 9.30 बजे से शाम तक विभिन्न कार्यशालाओं की विशेष मास्टर कक्षाएं होंगी। शाम साढ़े पांच बजे विशाल सभा होगी जिसमें उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी मुख्य अतिथि होंगी। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के राजस्थान क्षेत्र कार्यकारिणी सदस्य हनुमान सिंह राठौड़ होंगे। विशिष्ट अतिथि के रूप में राजसमंद से नवनिवार्चित सांसद महिमा कुमारी मेवाड़, सेलो ग्रुप के निदेशक गौरव राठौड़ उपस्थित रहेंगे।

इसी दिन, रात्रि 8 बजे वीर रस कवि सम्मेलन ‘जो दृढ़ राखे धर्म को’ का आयोजन होगा जिसमें काव्य जगत के हस्ताक्षर हरिओम सिंह पंवार, किशोर पारीक, अशोक चारण, अजात शत्रु, सुदीप भोला, राम भदावर, मनु वैशाली, शिवांगी सिकरवार, ब्रजराज सिंह जगावत अपनी ओजस्वी रचनाएं प्रस्तुत करेंगे।

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