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पॉलिटिकल इश्क के इम्तेहां :ःःःःः चौरासी और सलूंबर में बाप ने मांगा कांग्रेस से समर्थन, बदले में देवली-उनियारा को छोड़ने का वादा

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24 न्यूज अपडेट, बांसवाड़ा। राजनीति का चक्का भी अजीब घूमता है। कांग्रेस के समर्थन से राजकुमार रोत की नैया पार लग गई। खब किरकिरी हुई मगर अब वही राजकुमार रोत बीएपी सांसद राजकुमार चौरासी और सलूंबर में कांग्रेस से समर्थन मांग रहे है। कह रहे हैं कि देवली उनिया को हम छोड देंगे। बदले में गिव एंड टेक पर आमादा कांग्रेस कह रही है कि अबकी बार बाप रहे समर्थन को तैयार। अब देखना है कि यह रस्साकशी कहां पर जाकर खत्म होते हैं। कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने साफ कहा कि समर्थन देने की बारी बीएपी की है व वह वाद निभाए। बाप ने कल ही चौरासी व सलूंबर विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। अब उसके बाद सांसद राजकुमार रोत ने कांग्रेस से गठबंधन को लेकर बयान दिया है। बयानवीरों के बयान अब आते ही रहेंगे। प्रदेश की 7 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की घोषणा के बाद से बाप की सीटों को लेकर राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। यदि आप अकेला लडेगा तो जीत नहीं पाएगा। तीनों पार्टियों में मुकाबला हुआ तो भाजपा को एडवांटेज मिलना तय है। सलूंबर विधानसभा सीट से जितेश कटारा और चौरासी विधानसभा से अनिल कटारा को बाप ने मैदान में उतारा है। यदि उतार ही दिया है तो अब कांग्रेस से पेचअप का प्रयास क्यों। क्या यह दबाव की रणनीति है व बाप को लगता है कि कांग्रेस ने उसको वैचारिक रूप से बंधक बना हाशिये पर धकेल दिया है व वे जो चाहेंगे वही कांग्रेस करेगी। या फिर उनकी टेक्टिक है जिसमें पहले प्रत्याशी घोषित करो, उसके बाद निगोसिएशन करो। एक दूसरे के भय और मजबूरियां साझा करते हुए एक फ्रंट पर आओ। कांग्रेस से जिलाध्यक्ष वल्लभ राम पाटीदार ने कहा कि किसी तरह से कोई गठबंधन नहीं होगा। हमने लोकसभा में समर्थन दिया था। अब बीएपी को चाहिए कि वह कांग्रेस के समर्थन में आए। वल्लभ राम पाटीदार ने कहा कि कांग्रेस के ऑब्जर्वर 21 अक्टूबर को डूंगरपुर आएंगे। चौरासी विधानसभा क्षेत्र में कार्यकर्ताओं से फीडबैक लेंगे। कांग्रेस कार्यकर्ताओं में आमराय के बाद प्रत्याशी की घोषणा की जाएगी। ऐसे में इस बार कांग्रेस और बाप दोनों ही पार्टियां एक दूसरे से समर्थन मांगने का काम करते दिख रहे हैं। भाजपा इस खेल को बारीकी से देख रही है व अंदरखाने यह भी प्रयास हो रहे हैं कि कुछ भी हो समझौता नहीं होने पाए। कांग्रेस में कोई भी खडा हो, मगर हो जरूर। ताकि कांग्रेस प्रत्याशी वोट कटवा साबित हो सके।

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