24 न्यूज अपडेट. उदयपुर। शिक्षा विभाग ने 14 लाख विद्यार्थियों की पांचवीं बोर्ड की परीक्षा के पेपर तैयार कर पैक करने और उस पर सूचनाओं वाली चिट लगाने का जिम्मा जिस एजेंसी को दिया है उस पर अफसर जरूरत से ज्यादा मेहरबान हैं। ऐसे में बोर्ड की परीक्षा ही मजाक बन गई है, इसमें से प्रोफेशनलिज्म का सार तत्व गायब हो गया है। पांचवीं बोर्ड की परीक्षा आगे सरकने के साथ ही सभी लिफाफों पर सूचनाएं नए सिरे से अंकित होनी थी मगर अफसरों ने बजाय पेपर सप्लाई करने वाली एजेंसी के कान मरोड़ने के अपने ही विभाग पर यह बर्डन डाल दिया कि पेन से करेक्शन कर दिए जाएं। ऐसे में सवाल उठने लगा है कि कहीं दाल में कुछ काला तो नहीं है। हाथ से करेक्शन कर सूचनाएं अंकित करने पर भी गलती की पर्याप्त गुंजाइश है जिसका खामियाजा बाद में उल्टा गलती सुधारने वालों को ही भुगतना पड़ सकता है। पांचवीं बोर्ड की परीक्षा चुनावों के चलते आगे बढ़ गई मगर पेपरों पर सूचनाएं पुरानी ही अंकित की गई है। इससे तारीख और वार आदि का भ्रम हो रहा है। कल 24 न्यूज अपडेट में समाचार प्रसारित होने के बाद शिक्षा विभाग ने आज अपनी गलती छिपाने के लिए सभी सेंटरों पर भेजे गए पेपरों के लिफाफों के बाहर पेन से करेक्शन करवा दिए। कोई भी ऊपरवालों को कठघरे में खड़ा कर अपने गले में घंटी नहीं बांधना चाहता है। जबकि होना यह चाहिए था कि परीक्षा पेपर सप्लायर को कल ही नोटिस चला जाना चाहिए था कि उसने र्प्याप्त धन चार्ज करने के बाद भी सुधार क्यों किया? जबकि आरपीएससी सहित कोई भी अन्य परीक्षा एजेंसी पेपर आगे बढ़ने पर तुरंत सप्लायर से नई डीटेल के साथ प्रश्न पत्र मंगवाती हैं।
पेपर छापने वालों पर विभाग मेहरबान, बोर्ड परीक्षा के लिफाफे पर हाथ से सुधारी गलतियां

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