– कई पेट्रोल पम्प पर दादागिरी, ऑनलाइन भुगतान नहीं स्वीकार किया, कैश लिया
उदयपुर। शाम का मंजर देख कर लग रहा है कि उदयपुर शहर के जिला प्रशासन को केवल वीआईपी लोगों की चिता है, आम जनता की बिल्कुल भी नहीं। पेट्रेाल पम्पों पर लोगों की कतारें लग रही हैं जो बढती ही जा रही है। कई जगह सडक़ें इस वजह से जाम हो गई हैंँ। लोगों में अपने वाहन में जल्दी तेल भरवाने को लेकर मौके पर महाभारत छिड़ी हुई है। कतारों में ही वाकयुदïï्ध चल रहे हैं और लोग एक-दूसरे को देख लेने की धमकी दे रहे हैंं। घिसट-घिसट कर नंबर आ रहे हैं तो पता चल रहा है कि जिस यूपीआई पेमेंट को प्रधानमंत्री मोदीजी विदेशों में प्रमोट कर रहे हैं वो डबल इंजन वाली भजनलाल सरकार में चल रहे पेट्रोल पम्प पर स्वीकार ही नहीं किया जा रहा है। लाइनों में लगे लोगों के होंश उड़े हुए हैं और वो वाहनों को दूसरों के भरोसे छोड़ कर एटीएम पर कैश लेने भाग रहे हैं। क्या जिला प्रशासन को इस अव्यवस्था के बारे में पता है? शायद नहीं? नहीं तो क्यों नहीं? हड़ताल का ऐलान दोपहर में ही हो गया था मगर मजाल कि जिला प्रशासन टस से मस होता। शाम तक जिला रसद विभाग भी नहीं जागा। इतने सारे नेता हैं मगर उन्होंने भी कहीं कोई निर्देश देने की जुर्रत नहीं की। जबकि होना ये था कि हर पम्प पर बकायदा लाइन लगाने की व्यवस्था होनी चाहिए थी प्रॉपर सिक्योरिटी के साथ। जो पेट्रोल पम्प वाले डिजिटल इंडिया को पलीता लगाते हुए कैश में पैसा ले रहे हैं उन पर तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए थी। सबको पर्याप्त मात्रा में पेट्रोल-डीलज सबको मिले, उसके लिए राशनिंग की व्यवस्था करनी थी मगर ऐसा लग रहा है कि किसी को आम जनता क कुछ नहीं पड़ी हैँ। लोग परेशान हो रहे हैं, प्रशासन सो रहा है। ऐसा पहले भी हो चुका है, आगे भी हो सकता है अगर जनता का यही रूख रहा तो।
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