24 न्यूज अपडेट, उदयपुर। ये चुनावी का असर है या उपर के आदेश का। अपनी टीम बनाने की मंशा का असर है या फिर सारे घर के बदल डालने की मंशा की पूर्ति का शुभ अवसर। एक कारण था या एक बहाना। ये तो होना ही था या फिर ये क्यों किया तो ये हो गया वाला सवाल। उदयपुर जिला पुलिस अधीक्षक योगेश गोयल ने जिले की स्पेशल टीम (डीएसटी) के प्रभारी सहित टीम के सभी पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया हैं जो चर्चा का विषय बन गया है। डीएसटी टीम के पुनर्गठन और बदलाव को लेकर यह कदम उठाया गया है। यह एसपी साहब का मीडिया को ऑफिशियल वर्शन है। अब जल्द ही नए सिरे से डीएसटी टीम का गठन किया जाएगा। मगर इससे इतर कार्रवाई के पीछे बड़ी वजह के चर्चे हैं। किसी रेव पार्टी पर कार्रवाई नहीं करने के बदले पैसे मांगे जाने की शिकायत पर यह कार्रवाई की गई बता रहे है। लेकिन ऐसी कैसी कार्रवाई कि जिसमें कोई भी फंसता हुआ नहीं दिख रहा हो। कार्रवाई हो भी जाए और किसी को पता भी ना चले। ना ही कोई तथ्य सार्वजनिक हो, यह सवाल बड़ा है। सुखेर थाना क्षेत्र में होटल में रेव पार्टी चल रही थी। बताया गया कि यहां पर टीम ने पहुंचकर फोटो-वीडियो बना लिए और कथित रूप से आर्थिक इमदाद मांगी। इसके बाद पार्टी करने वालों की हाई एप्रोच के चलते टीम पर कार्रवाई हो गई। पूरी डीएसटी टीम को लाइन हाजिर किया गया है। क्या यह पुलिस का इंटरनल मामला था कि केवल लाइन हाजिर करने की कार्रवाई हुई। जबकि लाइन हाजिर करना ना तो पनिशमेंट है ना ही कोई कार्रवाई। कहीं यह संदेश तो नहीं जा रहा है कि अगर आपकी एप्रोच है तो आप पुलिस पर भी कार्रवाई करवा सकते हो। रेव पार्टी की परमिशन थी या नहीं थी यह सवाल भी बड़ा है। लेकिन पुलिस की यही खासियत है कि वह जो चाहे वही सामने आता है। बाकी सब पर्दे के पीछे रह जाता है व उसके बाद बातें जनता की अदालत में तैरती रहती है। पुलिस महकमें में इस कार्रवाई को लेकर कुछ कहानियां तो कुछ मनोहर कहानियां तैर रही हैं। पुलिस कप्तान को आगे आकर उनका खंडन व स्पष्टीकरण करना चाहिए ताकि छवि पर दाग जैसी स्थिति नहीं बने। कोई खुलकर बात नहीं करेगा तो कनकही बातों को बल मिलेगा।, डीएसटी टीम में सब इंस्पेक्टर सहित 20 पुलिस कर्मियों का स्टाफ है। इनमें 1 एएसआई, 7 हेड कॉन्स्टेबल और बाकी कॉन्स्टेबल हैं। बताया जा रहा है कि इनमें ज्यादातर लंबे समय से डीएसटी टीम में कार्यरत थे। अब कहा जा रहा है कि नई टीम का मतलब नई सरकार में नए तरीके से बिसात बिछाना है। उसमें राजनीतिक दखल सबसे पहले व अनिवार्य शर्त है ताकि वक्त जरूरत पर किसी भी परिस्थिति में मनचाहे नतीजे प्राप्त किए जा सकें। कोई पुरानी टीम जो खुद को वक्त, जरूरत और परिस्थितियों के अनुसार बदल नहीं सके या फिर बदली हुई परिस्थितियों में उपरी आदेश के अनुसार मनचाहे आर्थिक, राजनीतिक परिणाम नहीं दे सके उसका खटकना भी वर्तमान व्यवस्था में स्वाभाविक मान लिया जाता है। अब नई टीम कब बनेगी, बनेगी या भी नहीं।
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