24 न्यूज अपडेट. मुंबई। यह खबर पढ़कर अपना भ्रम दूर कर लीजिए कि देश में सबके साथ समान बर्ताव होता है। लोग छोटी मोटी एप्लीकेशन लेकर पुलिस थानो के चप्पलें घिसते हैं उनके काम बरसों तक नहीं होते। लेकिन यहां तो एक गुमनाम शिकायत पर चार्टर्ड प्लेन वापस बुला लिया। कार्रवाई ऐसी हुई जैसे कोई फिल्म चल रही हो। महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री के बेटे ऋषिराज सावंत की बैंकॉक ट्रिप और हाई-वोल्टेज ड्रामा सामने आया है। महाराष्ट्र के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तानाजी सावंत के बेटे ऋषिराज सावंत की चार्टर्ड प्लेन से बैंकॉक यात्रा एक हाई-वोल्टेज ड्रामा में बदल गई। बिना परिवार को बताए विदेश यात्रा पर निकले ऋषिराज को मध्य रास्ते से वापस बुला लिया गया, क्योंकि पुलिस को एक अनजान शख्स ने उनके अपहरण की झूठी सूचना दी थी। ऋषिराज सावंत ने बैंकॉक जाने के लिए एक चार्टर्ड प्लेन बुक किया। इस विमान में 18 सीटों की क्षमता थी, लेकिन इसमें केवल 3 लोग सवार थे। ऋषिराज और उनके दो दोस्त। इस ट्रिप पर उन्होंने कुल 68 लाख रुपए खर्च किए। 10 फरवरी को शाम 4ः30 बजे उनकी फ्लाइट पुणे एयरपोर्ट से बैंकॉक के लिए रवाना हुई। इस ट्रिप के बारे में उन्होंने अपने परिवार को नहीं बताया था। उनके पिता तानाजी सावंत इस यात्रा के खिलाफ थे, इसलिए उन्होंने परिवार से इसे बिजनेस ट्रिप बताकर छुपाया। जब उनके परिवार को उनकी यात्रा के बारे में पता चला तो वे चिंतित हो गए। इसी दौरान पुलिस को किसी अनजान शख्स ने फोन कर दावा किया कि ऋषिराज का अपहरण हो गया है। पुलिस ने बिना देरी किए किडनैपिंग का केस दर्ज कर लिया और इसकी जानकारी उनके पिता तानाजी सावंत को दी। घबराए तानाजी सावंत पुणे पुलिस कमिश्नर के पास पहुंचे और अपने बेटे को तुरंत खोजने के लिए कहा। जब यह सूचना विमानन मंत्रालय और डीजीसीए को मिली, तो उन्होंने फ्लाइट को तुरंत वापस बुलाने का फैसला किया। उस समय यह पोर्ट ब्लेयर के पास उड़ रही थी। पायलटों को संदेश मिला कि फ्लाइट को तुरंत पुणे लौटना है। पहले पायलटों को लगा कि यह कोई मजाक है, लेकिन जब उन्हें आधिकारिक आदेश मिला, तो उन्होंने फ्लाइट का रूट बदल दिया। फ्लाइट में बैठे ऋषिराज और उनके दोस्त इस बात से अनजान थे कि वे बैंकॉक नहीं जा रहे, बल्कि पुणे लौट रहे हैं। नेविगेशन मैप को पहले ही बंद कर दिया गया था, ताकि वे यह न देख सकें कि दिशा बदल दी गई है।
फ्लाइट वापस पुणे पहुंची
रात 9 बजे फ्लाइट पुणे एयरपोर्ट पर उतरी। जैसे ही ऋषिराज और उनके दोस्त उतरे, वे हैरान रह गए और पायलटों से नाराजगी जताई। पायलटों ने सिर्फ इतना कहा कि वे निर्देशों का पालन कर रहे थे। इसके बाद जवानों ने फ्लाइट के अंदर जाकर तीनों को बाहर निकाला। जब पुलिस ने ऋषिराज से पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि उन्होंने यह यात्रा छुपाई थी, क्योंकि उनके पिता गुस्सा हो जाते। उन्होंने कहा कि इसलिए उन्होंने इसे बिजनेस ट्रिप बताकर परिवार को नहीं बताया। इस घटना के बाद विपक्षी दलों ने महाराष्ट्र सरकार और पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाए। विपक्षी नेताओं ने आरोप लगाया कि पुलिस ने बिना उचित जांच किए ही फर्जी किडनैपिंग केस दर्ज कर लिया। विपक्षी नेताओं ने कहा कि तानाजी सावंत ने अपने बेटे को रोकने के लिए पुलिस और प्रशासन का दुरुपयोग किया। क्या पुलिस ने सिर्फ उनके प्रभाव के कारण बिना सबूतों के केस दर्ज कर लिया? इतनी महंगी चार्टर्ड फ्लाइट क्यों बुक की गई? विपक्ष ने सवाल उठाए कि ऋषिराज सावंत ने 68 लाख रुपये खर्च कर चार्टर्ड फ्लाइट क्यों बुक की? क्या यह कोई बड़ा बिजनेस डील था या सिर्फ एक फन ट्रिप? पुलिस ने बिना पूरी जांच किए किडनैपिंग का केस कैसे दर्ज कर लिया? कौन था वह अनजान व्यक्ति जिसने पुलिस को किडनैपिंग की झूठी सूचना दी? क्या तानाजी सावंत ने प्रशासन पर दबाव डालकर अपने बेटे को वापस बुलवाया? इस घटना ने महाराष्ट्र की राजनीति और पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं।
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