विशाल बावा पधारे नाथद्वारा, केसरी गणगौर पर श्रीजी प्रभु को अरोगाएंगे छप्पन भोग
उदयपुर। श्रीजी प्रभु के नाथद्वारा पधारने के 351वर्षो के इतिहास में प्रथम बार ऐसा अवसर आया है, जिसमें रामनवमी के शुभ अवसर पर श्रीजी द्वार से राम द्वार तक महाप्रसाद की यात्रा में श्रीजी प्रभु के महाप्रसाद को ग्रहण करने का लाभ लाखों वैष्णव जन ले सकेंगे। “हमारे मदन गोपाल ही है श्री राम“ के भाव से इस महाप्रसाद की महायात्रा की तैयारी लगभग पूर्ण हो चुकी है और गुलाबी गणगौर के शुभ अवसर पर विशाल बावा आज नाथद्वारा पधारे और महाप्रसाद के महायात्रा की तैयारी का जायजा लिया। महायात्रा की व्यवस्था के संबंध में तैयारी के निर्देश दिए। महाप्रसाद के महायात्रा का श्री गणेश औपचारिक रूप से केसरी गणगौर के शुभ दिवस रविवार को गो.चि.105 श्री विशाल जी (श्री भूपेश कुमार जी) बावा श्री के कर कमलों द्वारा प्रातः 8 बजे मोती महल चौक से किया जाएगा, जिसमें सभी नगरवासी एवं वैष्णव जन इस महाप्रसाद की महा यात्रा में प्रसाद को अपने हाथों से प्रसाद को प्रसाद के रथ में ले जाकर सेवा का लाभ ले सकेंगे। विशाल बावा ने सभी नगर वासी एवं वैष्णव जन को आह्वान किया कि वे अधिक से अधिक संख्या में केसरी गणगौर के दिवस प्रातः 8ः बजे मोती महल के चौक में आकर सेवा का लाभ प्राप्त करें एवं इस महाप्रसाद की महायात्रा के सहभागी बने। महाप्रसाद की महायात्रा के प्रमुख पड़ाव में भीलवाड़ा, जयपुर,मथुरा,जतीपुरा, लखनऊ होंगे जहां पर भी वैष्णव जन को श्रीजी प्रभु का प्रसाद वितरित किया जाएगा । 351 वर्षों से निरंतर चली आ रही है किंतु इतिहास में पहली बार यह अद्भुत संयोग होगा जब नंदालय से प्रभु श्रीनाथजी का महाप्रसाद नंदलला से रामलला के द्वार तक यात्रा करेगा तथा यात्रा के मार्ग में आने वाले जीवों का महाप्रसाद के रूप में श्रीजी प्रभु की कृपा जीवों का उद्धार करेंगी, क्योंकि पुष्टिमार्ग में श्री कृष्ण और श्री राम को एक ही स्वरूप माना है जिसमें लेश मात्र भी संशय नहीं है । इन्हीं भावना से तिलकायत श्री की आज्ञा एवं श्री विशाल बावा की प्रेरणा से रामनवमी के शुभ अवसर पर प्रथम बार श्रीजी प्रभु का महाप्रसाद ’एक लाख एक’ “मठड़ी“ के महा प्रसाद के रूप में यात्रा के रूप में श्रीजी द्वार से श्रीराम द्वार तक रामनवमी के अवसर पर वितरित होगा !अनौपचारिक रूप से अयोध्या में ट्रैफिक को देखते हुए एवं वहाँ की व्यवस्था के निर्देशानुसार एक महाप्रसाद के रथ को आज अनौपचारिक रूप से पूजन कर अयोध्या के लिए रवाना किया गया । इस अवसर पर श्रीनाथजी मंदिर के अधिकारी सुधाकर उपाध्याय, मंदिर के मुख्य प्रशासक भारत भूषण व्यास, तिलकायत के मुख्य सलाहकार श्री अंजन शाह, मंदिर के सहायक अधिकारी श्री अनिल सनाढ्य, मंदिर मंडल के सदस्य समीर चौधरी,सुरेश संघवी, संपदा अधिकारी ऋषि पांडे, तिलकायत श्री के सचिव श्री लीलाधर पुरोहित, मंदिर के पंड्याजी परेश नागर, समाधानी उमंग मेहता, प्रकाश काबरा,पीआर ओ एवं मीडिया प्रभारी गिरीश व्यास,जमादार हर्ष सनाढ्य, कैलाश पालीवाल आदि उपस्थित थे ।


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