कविता परखा
24 न्यूज़ अपडेट निंबाहेड़ा।राजस्थान शिक्षक संघ (राष्ट्रीय) जिला-चित्तौड़गढ़ का जिला महिला विचार गोष्ठी का आयोजन रविवार को श्रीमती ओमवती शर्मा प्रार्थना सभागार, राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय निम्बाहेड़ा में प्रदेश पर्यवेक्षक कैलाश चंद्र सुथार प्रदेश उपाध्यक्ष उदयपुर के पर्यवेक्षण में आयोजित हुआ।
जिला महिला मंत्री मधु जैन ने बताया कि कार्यक्रम के प्रथम सत्र की मुख्य वक्ता पवन शेखावत प्रदेश महिला कार्यसमिति सदस्य राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय,मुख्य अतिथि ललिता गाजरे प्रधानाचार्य राबाउमावि निंबाहेड़ा और अध्यक्षता मधु जैन जिला महिला मंत्री रही।
मुख्य वक्ता शेखावत ने पुण्यश्लोक देवी अहिल्या बाई होल्कर की 300 वीं जयन्ती वर्ष व सांगठनिक जानकारी के विषय पर अपने विचार रखे।उन्होंने कहा कि देवी अहिल्याबाई होलकर का जीवन प्रेरणादायक और करुणामयी रहा है।उनका जीवन भारतीय इतिहास का स्वर्णिम पर्व रहा।बचपन से अनन्य शिवभक्त अहिल्या लोककल्याणकारी कार्यों के लिए लोकमाता कहलाई।जीवन यात्रा में एक चरवाहे की बेटी का राजपरिवार में जाना अनुपम उदाहरण है।जीवन में पारिवारिक संकटों और कष्टों से झूझते हुए कुशल प्रशासक और उत्कृष्ट राजनीतिक प्रबंधन का परिचय दिया।धर्म कर्म करते हुए संपूर्ण भारतवर्ष में 100 से अधिक मंदिरों का निर्माण ओर जीर्णोद्धार करवाकर पुण्यश्लोक कहलाई।अहिल्याबाई गणित, विज्ञान,भूगोल,घुड़सवारी,युद्धनीति में निपुण थी।उन्होंने अपनी सैन्य शक्ति को बढ़ाने के लिए सैनिक प्रशिक्षण के लिए अंग्रेज अधिकारी को नौकरी पर रखा।उन्होंने अंग्रेजों द्वारा बंदूकों की आपूर्ति रोकने पर अपना तोपखाना स्थापित किया। लोकमाता अहिल्याबाई का जीवन संपूर्ण जगत के लिए प्रेरणादायक रहा।प्रथम सत्र में मंच संचालन निर्मला धाकड़ ने किया।
द्वितीय सत्र बसंती सुथार जिला महिला सचिव की अध्यक्षता में हुआ।सत्र की मुख्य वक्ता सुशीला पारीक प्रांत बौद्धिक प्रमुख राष्ट्र सेविका समिति और मुख्य अतिथि नीतू गुप्ता प्रधानाचार्य राउमावि निंबाहेड़ा रही।
मुख्य वक्ता सुशीला पारीक ने सांस्कृतिक एवं सामाजिक मूल्यों का सम्वर्धन विषय पर विचार रखते हुए कहा कि देश रक्षा परम पुण्य का कार्य है।हमारा सौभाग्य है कि देश के लिए कार्य करने वाले संगठन के सदस्य हैं।हम पुण्यश्लोक लोकमाता देवी अहिल्याबाई होलकर के 300 वें जन्म जयंती वर्ष में है।अपना कर्तव्य समझकर लोकमाता का विषय बालकों तक पहुंचाना चाहिए।बालक की प्रथम गुरु मां होती है।बालक अनुकरण से सीखता है।मैकाले जनित शिक्षा के कारण नैतिक मूल्यों ,जीवन मूल्यों में कमी आई है।देश में पाठ्यक्रम श्रेष्ठ धर्म ग्रंथों रामायण,महाभारत के प्रेरक प्रसंग युक्त होना चाहिए।आज देश में उद्यमशीलता में कमी आई है।इसी कारण कम काम करके ज्यादा वेतन लेने के भाव वाले कई संगठन उत्पन्न हो गए हैं।संस्कार निर्माण के लिए मातृभाषा आवश्यक है।आज हमें अपनी मातृभाषा और वेशभूषा पर ध्यान देने की आवश्यकता है।नए भारत के निर्माण के लिए पंच परिवर्तन के सिद्धांत का पालन आवश्यक है।जिला महिला मंत्री मधु जैन ने द्वितीय सत्र में मंच संचालन किया।इस अवसर पर राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय के प्रदेश प्रशिक्षण प्रकोष्ठ सदस्य मदन लाल जोशी,जिला संगठन मंत्री डॉ हीरा लाल लुहार,जिला अध्यक्ष पूरण मल लौहार,जिला मंत्री रामलक्ष्मण त्रिपाठी, जिला उपाध्यक्ष नाथू लाल डांगी,अतिरिक्त जिला मंत्री नर्बदा शंकर पुष्करणा,जिला उपाध्यक्ष संस्कृत कैलाश चंद्र मालू,जिला सचिव माध्यमिक गोपाल व्यास,प्रधानाचार्य सदस्य रविन्द्र सिंह सिसोदिया,उपशाखा महिला मंत्री ममता जैन डूंगला,विद्या जटिया निंबाहेड़ा,कपासन ममता रानी शर्मा,भदेसर तृप्ति तिवारी,बड़ीसादड़ी मीनू स्वर्णकार वसीबीईओ निंबाहेड़ा अरविंद कुमार मूंदड़ा,नंदकिशोर तोतला,कपासन से राजेंद्र व्यास,डूंगला प्रकाश चंद्र कुदाल,भदेसर सुनील भारद्वाज,बड़ीसादड़ी पूरण मल ढोली,निंबाहेड़ा निर्भयराम धाकड़,इंद्र मल वैष्णव,सुरेश चंद्र लौहार,कमलेश चौधरी निर्भयराम धाकड़,अटल कुमार वैष्णव सहित अनेक मातृशक्ति और संगठन के कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

