24 न्यूज अपडेट. ओवरसीज। अमेरिका में 20 फरवरी से पहले जो बच्चा जन्म लेगा उसकी नागरिकता अमेरिकी होगी लेकिन इसके बाद लेने वालों को अवैध अप्रवासी का दर्जा दिया जाएगा। ऐसे में अब बच्चों को इस डेडलाइन से पहले सिजेरियन से जन्म देने की होड़ मच गई है। एक भारतीय मूल की स्त्री रोग विशेषज्ञ ने मीडिया से कहा कि उन्हें सैंकडों दंपती ने संपर्क किया व सर्जरी करते हुए इस डेडलाइन से पहले प्रसव करवाने की संभानाएं टटोलीं। राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद ट्रम्प ने एग्जीक्यूटिव ऑर्डर जारी किया था जिसमें जन्मजात नागरिकता के अधिकार को समाप्त कर दिया गया है। अमेरिका में लाखों अवैध अप्रवासी केवल भारतीय ही हैं व कुल की संख्या करोड़ों में है। जो खुद अवैध प्रवासी हैं वे अपने बच्चों को इस कानूस से अब तक नागरिकता दिलवा रहे थे लेकिन अब ऐसा नहीं हो पाएगा। ट्रम्प ने आदेश दिया है कि 30 दिन का समय जाएगा। 19 फरवरी को डेडालाइन है 20 से यह लागू हो जाएगी। कई भारतीय महिलाएं अब आठवें या नौवें महीने में, 20 फरवरी से पहले बच्चे पैदा करना चाहती हैं। वे पति के डाक्टर से मिलकर पहले ही डिलीवरी की तारीख फिक्स करवा लेना चाहती हैं। इस बारे में अब समय से पहले बच्चे के जन्म को लेकर भी चर्चा का दौर आरंभ हो गया है। इससे जच्चा व बच्चा का गंभीर खतरा है। अमेरिका में 16 लाख भारतीय बच्चों को अमेरिका में जन्म लेने की वजह से नागरिकता मिली है। अमेरिकी संविधान का 14वां संशोधन बच्चों को जन्मजात नागरिकता की गारंटी देता है। अमेरिका में यह कानून 150 साल से लागू था जो खत्म हो रहा है। इधर बताया जा रहा है कि जन्मजात नागरिकता के अधिकार को एक एग्जीक्यूटिव ऑर्डर से खत्म नहीं किया जा सकता। संविधान में संशोधन की जरूरत होगी। रिप्रेजेंटेटिव हाउस और सीनेट में संशोधन दो-तिहाई वोटों के साथ पारित करवाना होगा, राज्यों का भी समर्थन भी चाहिए। मंगलवार को 22 राज्यों के अटॉर्नी जनरल ने दो फेडरल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में इसके खिलाफ मुकदमा दायर कर आदेश को रद्द करने के लिए कहा। अमेरिका में करीब 54 लाख भारतीय रहते हैं। दो-तिहाई लोग फर्स्ट जेनरेशन इमिग्रेंट्स हैं। अब फर्स्ट जेनरेशन इमिग्रेंट्स को अमेरिकी नागरिकता मिलना मुश्किल हो जाएगा। इसके अलावा ग्रीनकार्ड का इंतजार कर रहे परिवारों की उम्मीद भी टूट गई है।
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