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झारखंड : भाजपा नहीं कर पाई ‘‘घुसपैठ’’, हेमंत फिर सिरमौरत्र पत्नी कल्पना भी चुनाव जीतीं

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24 न्यूज अपडेट. रांची। कहते हैं कि जनता सिरमौर होती है व झारखंड की जनता ने इस बार भाजपा के घुसपैठ के मुद्दे को ही खाजिर कर दिया। वोटों की उसकी घुसपैठ नाकामयाब रही। जेडएमएम के हेमंत सोरेन फिर सीएम बनने जा रहे है। विधानसभा चुनाव में बहुमत के करीब हैं। 81 सीटों पर वोटों की गिनती के दौरान रुझानों में झामुमो गठबंधन ने 56 सीटों पर बढ़त बना ली है। यह आंकड़ा 41 के बहुमत से 15 सीट ज्यादा है। भाजपा गठबंधन 24 सीटों पर आगे चल रहा है। अन्य 1 सीट पर बढ़त बनाए हुए हैं। जीत के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बेटों की फोटो शेयर की और लिखा- मेरी ताकत। पत्नी कल्पना गांडेय सीट पर 12 हजार वोटों से पिछड़ने के बावजूद जीत गईं। राज्य में 13 और 20 नवंबर को 81 सीटों पर मतदान हुआ था, 68þ वोटिंग हुई। यह अब तक की सबसे ज्यादा वोटिंग प्रतिशत है। 2019 विधानसभा चुनाव में श्रडड 30, कांग्रेस 16 और राजद ने एक सीट पर जीत दर्ज की थी। तीनों पार्टियों का गठबंधन था। तब मुख्यमंत्री श्रडड नेता हेमंत सोरेन बने थे। ठश्रच् को 25 सीटें मिली थीं। सरायकेला से पूर्व सीएम चंपाई सोरेन चुनाव जीते। धनवार भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबू लाल मरांडी चुनाव जीत गए। गांडेय से हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना जीतीं। तीनों सीटों पर रिजल्ट की आधिकारिक घोषणा बाकी है। हेमंत सरकार के 4 मंत्री दीपिका पांडेय सिंह, बन्ना गुप्ता, हफिजुल हसन अंसारी, बेबी देवी और मिथिलेश ठाकुर पीछे चल रहे हैं। सोरेन परिवार के 2 कैंडिडेट बड़ी बहू सीता सोरेन (भाजपा) जामताड़ा और छोटे बेटे बसंत सोरेन दुमका सीट से पीछे चल रहे हैं। हेमंत सोरेन ही बरहेट से आगे चल रहे हैं। इस बार विधानसभा चुनाव की वोटिंग खत्म होने के बाद झारखंड में 8 एग्जिट पोल आए। इनमें से 4 में भाजपा गठबंधन, जबकि 2 में इंडिया गठबंधन की सरकार बनने का अनुमान जताया गया। बाकी 2 एग्जिट पोल्स ने हंग असेंबली के आसार जताए थे। गांडेय से झामुमो प्रत्याशी और हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन ने कहा कि गांडेय की जनता ने एक बेटी की तरह मुझे प्यार दिया। इसके लिए उनका बहुत-बहुत धन्यवाद। सबका प्यार और आशीर्वाद मिलता रहे, यही प्रार्थना है। झामुमो गठबंधन की जीत के पीछे कई फैक्टर रहे हैं, लेकिन सबसे बड़ा फैक्टर मंईयां सम्मान योजना और कल्पना सोरेन रहीं हैं। इसके अलावा श्रडड ने टिकट बांटने में सावधानी बरती और अपने क्षेत्र में फोकस नेताओं को तरजीह दी। साथ ही विपक्ष को उसके घुसपैठ के मुद्दे में ही फंसा दिया।

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