
24 न्यूज अपडेट उदयपुर। जीबीएच मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल को सीज करने के आदेश के खिलाफ मंगलवार को जैन समाज, पोरवाल समाज मौन जुलूस निकालते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचा। यहां कलेक्टर को ज्ञापन देकर जीबीएच के खिलाफ एक तरफा दबाव में हो रही कार्रवाई तुरंत प्रभाव से रोकने की पूरजोर मांग की।
जीबीएच ग्रुप के बेडवास स्थित मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल की बिल्डिंग को अवैध बताते हुए पिछले दिनों विधानसभा से सीज करने के आदेश जारी हुए थे। इसकी पालना में उदयपुर विकास प्राधिकरण का दल भी आनन-फानन में कार्रवाई करने पहुंचा था। उस समय से चल रहा विरोध के बीच मंगलवार को जैन समाज और उसके संघटक संगठन अपने प्रतिनिधियों के साथ मौन प्रदर्शन करने कलेक्ट्रेट पहुंचे। समग्र जैन समाज, पोरवाल समाज, जैन सोष्यल ग्रुप लेकसिटी, सरूपरिया परिवार संगठन, महावीर सेवा संस्थान आदि संगठनों के पदाधिकारी और सदस्य जीबीएच हॉस्पिटल पर हो रहे अन्याय के खिलाफ विरोध मौन प्रदर्शन लिखे बैनर लिए कलेक्ट्रेट के बाहर जमा हुए। इसमें खासी संख्या में समाज की महिलाएं भी पहुंची। सभी संगठनों के प्रतिनिधिमंडल पोरवाल समाज के अजय पोरवाल, डॉ. दिनेश कोठारी, कमल वजुवावत, हिम्मत चपलोत, सुंदरलाल डागरिया, महेश पोरवाल, हर्ष मित्र सरूपरिया, आर.सी. मेहता, चंचल पोरवाल, मानसिंह पोरवाल, प्रदीप पोरवाल, सूर्यप्रकाश मेहता, सुभाष मेहता, रणधीर नलवाया, रणवीर नैनावटी, सुमतिलाल वेलावत, अनिल हाथी, हिम्मत चपलोत, रमेश किरोट, सहित दर्जनों पदाधिकारी की मौजूदगी में कलेक्टर को ज्ञापन देने पहुंचे। सभी ने पूरजोर हॉस्पिटल को सीज करने के आदेश पर विरोध जताया। कलेक्टर ने आष्वस्त किया कि किसी भी मरीज को परेशानी नहीं होगी और मरीज हित का पूरा ध्यान दिया गया है।
यहां से प्रतिनिधि संभागीय आयुक्त कार्यालय पहुंचे जहां अतिरिक्त संभागीय आयुक्त को ज्ञापन सौंपा। इसके बाद प्रतिनिधि उदयपुर विकास प्राधिकरण में पहुंचे जहां आयुक्त की अनुपस्थिति में ओएसडी व तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा।
प्रदर्शन के दौरान पोरवाल समाज के अजय पोरवाल ने कहा कि हमारे समाज के एनआरआई डॉ. कीर्ति जैन ने उदयपुर में मेडिकल सुविधा के लिए हॉस्पिटल स्थापित किए और कतिपय लोग इस पर आरोप प्रत्यारोप कर रहे। यह कोई होटल, रिसोर्ट नहीं जो जब चाहा सीज कर दिया जाए। यहां जो भी निर्माण हुआ है वह मरीज हित में हुआ है और मरीजों की सेवा की जा रही है।
डॉ. दिनेश कोठारी ने कहा कि डॉ. कीर्ति जैन विष्व विख्यात कैंसर रोग विशेषज्ञ है जिन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दर्जनों सम्मान प्राप्त है। दुर्भाग्य है कि उन्हें उनकी ही मातृभूमि पर किए गए विकास कार्य की प्रशंसा और सम्मान की बजाय हॉस्पिटल सीज करने जैसी उद्वेलित करने वाली कार्रवाई की जा रही है। जैन समाज इसी का विरोध कर रहा है।
समाज के कमल वजुवावत ने कहा कि राजस्थान में पहली बार किसी हॉस्पिटल के खिलाफ इस तरह की कार्रवाई के आदेश हुए है यह दुर्भाग्यपूर्ण है। इस आदेश को जनहित में वापस लेना चाहिए।

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