24 न्यूज अपडेट उदयपुर, 20 जून। खान विभाग की जियोलोजी विंग को प्रतिमाह माइनर मिनरल के आक्शन के लिए 1173 हैक्टेयर क्षेत्रफल के प्लॉट और मिनरलों की खोज के लिए प्रतिमाह 970 मीटर ड्रिलिंग के लक्ष्य दिए गए हैं। निदेशक माइंस श्री भगवती प्रसाद कलाल गुरुवार को खान विभाग के जियोलोेजी विंग के अधिकारियों के साथ वीसी के माध्यम से रुबरु हुए। उन्होंने सभी 19 अधीक्षण भूविज्ञानी और वरिष्ट भूविज्ञानी कार्यालयों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि माइनिंग विंग व जियोलोजी विंग में परस्पर समन्वय सहयोग से प्रदेश में खनिज खोज और खनन कार्य को गति दी जानी है। उन्होंने अधिकारियों से अधिक से अधिक फील्ड में रहने और एक्सप्लोरेशन कार्य में तेजी लाने के निर्देष दिए।
निदेशक माइंस श्री कलाल ने कहा कि अवैध खनन गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए ऐसे क्षेत्रों में वैध खनन को बढ़ावा दिया जाना आवश्यक है। इसके लिए अवैद्य खनन गतिविधि क्षेत्रों को चिन्हित कर उस क्षेत्र में प्राथमिकता से खनिज प्लॉटों के डेलियेनेशन का कार्य किया जाए ताकि बेशकीमती खनिज भण्डार के अवैध खनन पर रोक और राजस्व व रोजगार में बढ़ोतरी हो सके।
श्री भगवति प्रसाद कलाल ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा मोनेटरिग व्यवस्था को मजबूत किया गया है और उसी को देखते हुए विभाग द्वारा निर्धारित लक्ष्यों के विरुद्ध प्रगति की पाक्षिक समीक्षा की जाएगी।
तकनीकी सहायक डीएमजी श्री देवेन्द्र गौड़ ने बताया कि जियोलोजी विंग द्वारा प्रदेश में खनिज खोज कार्य किया जा रहा है। इसके लिए एक्सप्लोरेशन, प्लॉट डेलिनियेशन, ड्रिलिंग व अन्य कार्य किये जा रहे हैं।
अतिरिक्त निदेशक जियोलाजी और राजस्थान स्टेट मिनरल सक्सप्लोरेशन ट्रस्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री एनपी सिंह ने आरएसएमईटी द्वारा किये जा रहे कार्यों की विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि एक्सप्लोरेशन कार्य में तेजी लाई जा रही है।
वीसी में एडीजी श्री आलोक जैन, श्री एस एन डोडिया, एसजी श्री नितिन चौधरी, श्री मनीष माथुर, श्री पीडी सोनी ने आदि ने सुझाव दिए। श्री संजय दुबे, श्री संजय गोस्वामी, श्री अमिताभ जगावत, श्री सुशील कुमार सहित जियोलोजी विंग के अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
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