24 न्यूज अपडेट. नई दिल्ली। जिम्बाब्वे में भुखमरी से निपटने के लिए सरकार ने हाथियों को मारने का आदेश दिया है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, जिम्बाब्वे के 4 जिलों में 200 हाथियों को मारकर उसके मीट को अलग-अलग समुदायों में बांटा जाएगा। जिम्बाब्वे पार्क एंड वाइल्ड लाइफ अथॉरिटी ने इस बात की पुष्टि की है। 4 दशकों में सबसे बड़ी सूखे की समस्या से जूझ रहा है। लगभग आधी आबादी पर खाने का संकट है। अल नीनो की वजह से पड़े सूखे की वजह से देश की पूरी फसल बर्बाद हो गई है। ऐसे में जिम्बाब्वे के 6 करोड़ 80 लाख से ज्यादा लोग खाने की कमी से जूझ रहे हैं। पार्क एंड वाइल्ड लाइफ अथॉरिटी के प्रवक्ता फरावो ने कहा कि हाथियों की हत्या के पीछे दूसरा मकसद जिम्बाब्वे के पार्कों में हाथियों की तादाद कम करना है। दरअसल, जिम्बाब्वे में करीब 1 लाख हाथी रहते हैं। हालांकि, यहां के पार्कों में सिर्फ 55 हजार हाथियों को रखने की जगह है। इस बीच सूखे की वजह से देश के नागरिकों और हाथियों के बीच संतुलन बनाए रखने में दिक्कत बढ़ने की आशंका है। पिछले साल जिम्बाब्वे में हाथियों के हमले में 50 लोगों की मौत हो गई थी। इससे पहले, जिम्बाब्वे में साल 1988 में भी हाथियों को काटकर उनके मीट को बेचा गया था। अफ्रीकी देश नामीबिया में भी सूखे से निपटने के लिए 83 हाथियों को काटकर उसके मीट को लोगों में बांटा गया था। दुनिया में हाथियों की सबसे ज्यादा आबादी बोत्सवाना में रहती है। इसके बाद जिम्बाब्वे का नंबर आता है। हाथियों की बढ़ती तादाद की वजह से यहां लोगों की जान को खतरा रहता है। जिम्बाब्वे के पास 5 हजार करोड़ की कीमत जितने हाथी के दांत मौजूद हैं। हालांकि, इसके व्यापार पर रोक लगी हुई है। वो चाहता है कि हाथियों के दांत बेंचने की इजाजत मिलने से यहां के नागरिकों को पैसा कमाने का एक और जरिया मिल सकता है।
जिम्बाब्वे में 200 हाथियों को मारकर बांटेंगे मीट, भुखमरी की वजह से फैसला

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