24 न्यूज अपडेट. जालोर। जालोर के ओडवाड़ा गांव में अतिक्रमण की कार्रवाई पर जोधपुर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। अब तक 70 घर तोड़े जा चुके हैं। जस्टिस विनीत माथुर की बेंच ने 29 लोगों की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला दिया। याचिकाकर्ताओं के वकील श्याम पालीवाल ने कोर्ट में कहा कि हमारे पास पट्टा है , सनद है तथा पिछले 80 सालों से हम उन मकानों में रह रहे हैं। परदादा- दादा से लेकर हम लोग रहते आ रहे हैं। इतना ही नहीं इन मोहल्लों में राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार ने भी वेलफेयर डेवलपमेंट किया है। बिजली पानी के कनेक्शन भी दिए हुए हैं। ऐसे में एक व्यक्ति की पिटिशन पर हमें अतिक्रमी नहीं माना जा सकता है। गुरुवार को 150 घरों को तोड़ने पहुंचे 7 बुलडोजर के आगे कई परिवारों के सपने जमींदोज हो गए। करीब 5 दशक से यहां रह रहे हजारों लोग अब बेघर होने की कगार पर हैं।
60 साल से है बस्ती, कनेक्शन काट दिए
आहोर क्षेत्र के गांव ओडवाड़ा में ऐसी ही दर्दभरी कहानी कई परिवारों की है। ओडवाड़ा बस्ती करीब 60 साल से है। जालोर-बाड़मेर हाईवे से यह 8 किलोमीटर अंदर है। ओडवाड़ा गांव पंचायत ने लोगों को कच्चे पट्टे दिए थे। उसी आधार पर बिजली के कनेक्शन मिल गए थे। लोगों का कहना है कि उन्हें यह नहीं बताया गया कि वे विकल्प के तौर पर क्या करें। यहां से हटा दिया तो कहां जाएंगे। प्रशासनिक अधिकारियों के पास इसका कोई जवाब नहीं है। बस्ती के अधिकतर लोग मजदूरी या फिर खेती बाड़ी करते हैं।
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