24 न्यूज अपडेट. उदयपुर। उदयपुर में आदमखोर घोषित पेंथर को पकड़ने के अब तक के सभी प्रयास नाकाम रहे हैं। मानव पर हमले की रोज नई घटनाएं सामने आ रही है। ताजा मामला कल का सामने आया है जिसमें बताया जा रहा है कि पेंथर अब उस इलाके से 25 किलोमीटर दूर की रेंज में आ गया है जहां पर उसे तलाशा जा रहा हैं। कल शाम को उसने एक दूधवाले पर हमला किया। दूध वाला पेंथर को देख बाइक को भगा ले गया जिससे जान बच गई। बताया गया कि सर्च टीम लगातार तलाश कर रही है मगर गोगुंंदा रेंज में पेंथर के हमले कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। रोज वह टीम को गच्चा देकर भागने में कामयाब हो रहा है। कल रात को अंधेरे में पेंथर बाइक सवार दूध वाले पर लपका और 250 मीटर के आस-पास उसका पीछा भी किया। गोगुंदा और बड़गांव ब्लॉक के आस पास के जंगलों में इमरजेंसी रेस्पांस टीम के नेतृत्व में वन विभाग की पूरी टीम उसकी तलाश कर रही है। पेंथर यहां से आगे निकल गया है और कल गोगुंदा ब्लॉक की सायरा वन रेंज के ढोल गांव में शिकार की तलाश में दिखाई दिया। इस घटना से वन विभाग की पूरी टीम की दिक्कतें और अधिक बढ़ गई है। सरदारपुरा गांव के रहने वाले कालू सिंह ने मीडिया को बताया कि वह रोज शाम को बाइक पर दूध की सप्लाई करने जाता है। शुक्रवार शाम को साढ़े सात बजे के आस पास वह ढोल गांव में सरकारी स्कूल से करीब एक किलोमीटर आगे निकला और कमोल रोड पर आया। यहां पर उसने देखा कि सड़क के पास दुबक कर बैठे पेंथर ने उस पर अचानक हमला कर दिया। वह भागता हुआ बाइक के पास आ गया। बाइक की लाइट पड़ते ही पेंथर इधर, उधर हुआ। लेकिन तुरंत नजदीक आ गया। पेंथर को देखकर वह डर तो गया मगर तुरंत मोटर साइकिल को फुल स्पीड में चलाते हुए शोर मचाकर वहां से निकल गया। बहुत आगे जाने के बाद जान में जान आई क्योंकि कुछ देर व दूरी तक पेंथर ने बाइक का जोरदार तरीके से पीछा किया। अगर बाइक नहीं भगाता तो अनहोनी हो सकती थी। उसने गांव में पहुंच कर लोगों को यह बात बताई तो लोग सतर्क हो गए व लठ लेकर गश्त आरंभ कर दी। इस रूट पर वह तथा और भी कुछ लोग दूध की सप्लाई करने आते हैं। ऐसे में अब उनके लिए यहां से रोज उसी समय पर गुजरना बहुत बड़ी चुनौती बन गया है। आपको बता दें कि इसी प्रकार पेंथर ने ढोल गांव में बस स्टैंड के पास कल रात को एक बाड़े में बंधी गायों पर हमला कर दिया तथा बछड़े का शिकार करने का प्रयास किया। उसको लहूलुहान कर दिया। उसके जोर से रंभाने पर गांव में जाग हो गई और शोरगुल से पेंथर भाग छूटा।
ईआरटी टीम ने की मैपिंग और अंतिम रणनीति तैयार
वन विभाग की इआरटी अर्थात इमरजेंसी रेस्पांस टीम ने कल ही पोजिशन ले ली है। अभी पहली टीम एक्टिवेट है। इस टीम ने इस इलाके की ज्योग्राफी को समझ लिया है व मैपिंग करते हुए पूरी रणनीति तैयार कर ली है। इसमें सीसीएफ (वाइल्ड लाइफ) जयपुर टी. मोहन राज, सरिस्का के फील्ड डायरेक्टर संग्राम सिंह और कोटा के रामगढ़ विषधारी अभयारण्य के डीसीएफ संजीव शर्मा शामिल हैं जिनके नेतृत्व में टीम ने जंगल के रास्तों, उसकी प्रकृति, पेंथर के संभावित ठिकानों आदि के बारे में जांच परख कर ली है। सबसे अहम रोल यहां पर लगाए गए कैमरे निभाएंगे। जंगल में कुछ जगहों पर ये कैमरे लगाए गए हैं जिनकी मदद से 24 घंटे निगरानी की जा रही है। इसके अलावा कुछ इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी काम मेंं लिए जा रहे हैं जिससे सर्विलांस किया जा रहा है।
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