24 न्यूज अपडेट. जयपुर। यह संदेश सबके लिए हैं सतर्क रहिये, फोन कॉल या वीडियो कॉल आने पर बावले होकर झांसे में मत आइये। सामने वाला खुद को सीबीआई, सीआईडी, पुलिस का अधिकारी बता कर धमकाए तो झांसे में ना आए। कोई परिजनों के गिरफ्तार होने की बात कहें तो यकीन मत कीजिए, धैर्य रख कर क्रॉसचेक कर लीजिए। दूसरों को कभी मत बताइये कि आपके परिजन इस समय कहां पर है। यदि यह सावधानियां रख लीं तो आप साइबर अरेस्ट से बच जाएंगे। पुलिस और प्रशासन के भरोसे आख मूंद कर मत रहिये क्योंकि यदि सख्त कानून और तीखी नजर होती तो रोज-रोज ऐसे मामले सामने नहीं आते। बकवास वाट्सएप् शेयर करने की बजाय यह खबर शेयर करें, खुद भी जागरूक रहें व दूसरों को भी रखें। अब बताते हैं कि जयपुर में क्या घटना हुई।
जयपुर में महिला बैंक मैनेजर को वीडियो कॉल पर धमकाकर 17 लाख रुपए ठगने का मामला सामने आया है। बदमाशों ने खुद को भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण का मैनेजर व मुंबई पुलिस का अधिकारी बताया। स्काइप एप फोन में डाउनलोड करवाया। उसके माध्यम से पांच घंटे तक वीडियो कॉल पर ऑनलाइन रहे व महिला को बंधक बना दिया जिसको आजकल डिजिटल अरेस्ट कहा जाता है। याने ऐसी गिरफ्तारी जिसमें सामने वाले धमका कर ऐसी मानसिक अवस्था में ला देते हैं जिसमें आप उनकी बात मानने पर बाध्य हो जाते हैं। बैंक मैनेजर को इन बदमाशों ने एफडी तोड़कर रुपए बदमाशों के खाते में ट्रांसफर करने पर मजबूर कर दिया। घर वाले दरवाजा खटखटा कर पूछने लगे कि इतनी देर ऑनलाइन क्यों हो तो महिला ने बताया कि सीबीआई की पूछताछ चल रही है। अब पीड़िता की रिपोर्ट पर जयपुर कमिश्नरेट में साइबर थाना पुलिस ने मामले को दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। महिला 5 घंटे तक ठगों के सामने ऑनलाइन बैठी रही। जो बदमाशों ने कहा वह करती रही। घटना 20 जून की बताई जा रही है। महिला बैंक मैनेजरघर से बैंक के लिए रवाना होने वाली थी। सुबह 10.44 पर मोबाइल पर कॉल आया। बताया कि भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण का मैनेजर राजीव बोल रहा हूं। आपके आधार कार्ड से महाराष्ट्र में कोई मोबाइल सिम जारी हुई है। इससे अवैध गतिविधियां की जा रही हैं। बैंक मैनेजर ने मना कर दिया तो साइबर ठग राजीव ने कॉल ट्रांसफर करने का नाटक किया। मुंबई पुलिस से बोल रहा हूं, आवज आई। नाम विनय खन्ना। विनय ने दूसरे नम्बर से कॉल कर कहा- यह मुंबई पुलिस है। आपको स्काइप साफ्टवेयर मोबाइल पर इंस्टॉल करना होगा। महिला ने एप डाउनलोड कर बात करनी शुरू दी। यहीं से वह ट्रेप में फंस गई। सामने से आवाज आई- शिकायत मिली है। जो नम्बर यहांएक्टिव है, वह आपके आधार कार्ड से लिया गया है। खाते की जानकारी मांगी। महिला ने घबराते हुए जानकारी दे दी। ठग ने धमकाया और कहा कि आप को अभी एक ट्रांजेक्शन करना होगा। इसके बाद महिला से 20 लाख रुपए की डिमांड की। महिला ने हाथों हाथ ऑनलाइन ही एफडी तोड़ी और 17 लाख रुपए बदमाशों के खाते में डाल दिए। इसके बाद भी ऑनलाइन ही रहें शाम 4.10 बजे बदमाशों ने और 3 लाख रुपए मांगे। बोले-यह पैसा नहीं दिया तो 17 लाख रुपए डूब जाएंगे। इस पर महिला ने एप को बंद कर परिवार को जानकारी दी। बदमाश कुल 5 घंटे ऐसे धमकाते रहें।
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