24 न्यूज अपडेट उदयपुर. उदयपुर में घूमने आने वाले सैलानियों के लिए खुश खबरी है साथ ही पहली बार उदयपुर का सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क घड़ियाल की नई पीढ़ी से आबाद हुआ है। यहां पार्क में पहली बार दो मादा घड़ियाल ने अंडे दिए और अब उनसे बच्चे निकल गए हैं। सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क के निर्माण के बाद यह पहला अवसर है जब घड़ियाल परिवार से खुश खबरी आई है। यहां दस वर्ष से घड़ियाल की आबादी नहीं बढ़ रही थी। ऐसे में वन विभाग की ओर से ब्रीडिंग का अनुकूल वातावरण तैयार किया जिसमे वन विभाग को सफलता मिली है और इनका प्रजनन शुरू हो पाया है।
राजस्थान प्रदेश में पहली बार 2015 में उदयपुर में बायोलॉजिकल पार्क की
शुरुआत हुई थी। 10 साल पूर्व जयपुर चिड़ियाघर से यहां घडियाल लाए गए। इनमें से दो मादा और एक नर
घड़ियाल लम्बे समय से
बायोलॉजिकल पार्क के पोण्ड में मौजूद हैं। लेकिन इतने लम्बे समय के बावजूद इनकी आबादी नहीं बढ़ रही थी। चिकत्सको व विभाग के अथक प्रयास से से मेहनत रंग लाई। ।घड़ियाल का प्राकृतिक रहवास नदियों में होता है नदी किनारे रेती होती है और घड़ियाल रेती में ही अंडे देते हैं। उसी अनुकूल वातावरण बायोलॉजिकल पार्क में
तैयार किया गया।
इसके बाद पहली बार यहां घड़ियाल का प्रजनन शुरू हो
पाया। अंडे देने के बाद 60 से 90 दिन की अवधि में इनसे बच्चे निकलते हैं। जिसकी शुरुआत हो चुकी है।
उपवन संरक्षक देवेंद्र तिवारी ने बताया की खास देखभाल घड़ियाल के अंडों से करीब सप्ताहभर पहले बच्चे निकलना शुरू हुए हैं। अभी
उन्हें मांओं के साथ पोण्ड में ही रखा गया है। जब ये बच्चे तीन सप्ताह के हो
जाएंगे तो इन्हें पूरी तरह चिकित्सकीय निगरानी के लिए नर्सरी में छोडा
जाएगा।
बच्चो को 2 दर्जन से ज्यादा संख्या है जिन्हे विशेष निगरानी में रखा गया है ।
वही पार्क में घूमने पर्यटक भी पौंड में गड़ियाल के छोटे छोटे बच्चो को देख प्रसन्न हो रहे है पहली बार इतनी संख्या में बच्चे देख खुश हो रहे है पहले कभी ऐसा नजारा नही देखा । साथ ही ये बच्चे दिन भर गडियाल की पीठ पर ही बैठे रहते है उस उस पर उछल कूद कर रहे है
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