24 न्यूज अपडेट. उदयपुर। बरसों से अपात्र होने के बाद भी सरकारी सेवा का लाभ ले रहे व राशन का आनंद उठा रहे लोगों को सरकार ने बचने का एक और मौका देते हुए नाम हटवाने की तारीख आगे बढ़ा दी हैं। इससे यह सवाल उठ रहा है कि क्या सरकार के पास ऐसा कोई तंत्र पहले नहीं था या अब तक नहीं है कि वह खुद पता लगा सके कि कौन गलत तरीके से लाभ ले रहा है। यदि लोग चिन्हित हो गए हैं तो फिर समय देने का क्या औचित्य है। समय देने से यह होगा कि जिसको नाम हटवाना होगा वह अपना नाम 28 फरवरी को हटवाएगा व तब तक मुफ्त का राशन लेता रहेगा। इससे अफसरों के बुद्धि कौशल पर भी सवाल उठ गया है। जबकि अब तक को वसूली शुरू हो जानी चाहिए थी।
खाद्य सुरक्षा योजना के तहत अपात्र नाम हटाने की अंतिम तारीख अब 28 फरवरी 2025 तक बढ़ा दी गई है। पहले यह तिथि 31 जनवरी 2025 निर्धारित की गई थी। राज्य सरकार ने सक्षम और अपात्र लाभार्थियों से गिव अप अभियान के तहत योजना का लाभ छोड़ने की अपील की थी। यदि कोई अपात्र लाभार्थी अपना नाम स्वेच्छा से नहीं हटाएगा तो राज्य सरकार सर्वे के आधार पर संबंधित नाम हटाने के साथ कानूनी कार्रवाई करेगी। लेकसिटी उयपुर में बड़ी संख्या में अपात्र नाम हटाए गए हैं। उदयपुर के डीएसओ प्रथम के अंतर्गत 1127 राशन कार्डों में कुल 4575 सदस्य और डीएसओ द्वितीय के अंतर्गत 818 राशन कार्डों में कुल 3507 सदस्यों को खाद्य सुरक्षा सूची से हटाया जा चुका है। इस तरह कुल 8082 अपात्र सदस्यों के नाम योजना से बाहर किए गए हैं। अपात्र लाभार्थी अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ छोड़ने के लिए नजदीकी फूड सप्लाई कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं या ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। राज्य सरकार ने चेतावनी दी है कि अंतिम तिथि तक नाम नहीं हटाने की स्थिति में सर्वेक्षण के बाद ऐसे लोगों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
खाद्य सुरक्षा : एक महीना और मुफ्त का चंदन, घिस मेरे नंदन

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