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अचानक सरकार को हुआ आत्मज्ञान, फ्री गेहूं ले रहे हैं 1 करोड़ परिवार राशन, घर में हैं एसी और कार, मुफ्तखोरों को लिस्ट से करेंगे बाहर

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24 न्यूज अपडेट. जयपुर। सरकार भी बड़ी गजब होती हैं जब चाहे आंख बंद कर लेती है, जब चाहे खोल कर नंगी आंखों से सबको दिखने वाले सच के दर्शन करने लग जाती हैं अब राजस्थान सरकार की आंखें नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट में फ्री-फोकट में गेहूं ले रहे 1 करोड़ से ज्यादा परिवारों की पर टेढ़ी हुई हैं। राज्य सरकार बरसों से ऐसे लोगों को राशन दे रही है। उनका पूरा डेटा सरकार के पास है लेकिन अब जबकि नए लोगों के आवेदन आ रहे हैं, नए लोगों को शामिल करने का दबाव आ रहा है तब अचानक सरकार एक्शन मोड में आ गई है। अब जांच में पता लगाया जाएगा जो परिवार मुफ्त गेहूं उठा रहे हैं, वे सही पात्र हैं या नहीं। क्योंकि सरकार को भी अच्छे से पता है कि मुफ्त राशन पाने वाले सूची में कई ऐसे नाम जुड़े है, जो अपात्र हैं। खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग अब आईटी और ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट से मिलकर पता लगाएगा कि इसमें इनकम टैक्स देने वालों और चार पहिया वाहन रखने वाले लोग कितने हैं ताकि उनको बाहर का रास्ता दिखाया जा सके। यह सरकारी तर्क बचकाना है क्योंकि सब जानते हैं कि सरकार कांग्रेस की हो या भाजपा की। जब नाम जोडे गए तो बड़े पैमाने पर भाई-भतीजावाद हुआ, लोगों ने अपने अपने प्रभाव के हिसाब से ऐसे-ऐसे लोगों के नाम जुड़वा दिए जिनके अंदाज रईसी हैं। राशन की दुकानों पर कुछ ऐसे भी मिल जाएंगे जो कार लेकर फोकट का राशन लेने आते हैं। जिनकी लाइफ स्टाइल को देख कर लगता ही नहीं है कि ये राशन के गेहूं के पात्र हैं लेकिन बरसों से लिए जा रहे हैं। यही नहीं, इनमें से कई तो इस हाथ राशन लेते हैं, उस हाथ कहीं और तुलवा देेते हैं और पूरा खेल दबे छिपे नहीं, खुल्ला खेल फर्रूखाबादी चल रहा है। सभी दलों के छोटे स्तर के नेता तक इसमें इन्वोल्व हैं। एक परिवार के एक सदस्य को हर महीने 5 किलोग्राम गेहूं उपलब्ध करवाया जाता है। विधानसभा में पेश आंकड़ों के अनुसार राजस्थान में 4 करोड़ 35 लाख प्रदेशवासी योजना का फायदा ले रहे हैं। केंद्र सरकार की ओर से नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट के तरह पात्र लोगों को गेहूं फ्री मिल रहा हैं।
अब लाभार्थी की जांच होगी। अचानक याद आ गया है कि कहीं राशन लेने वाला आयकर दाता तो नहीं ताकि उसे नियमानुसार सरकार की खाद्य सुरक्षा की गारंटी के तहत फ्री अनाज वाले सिस्टम से बाहर कर सकें। अब एक सरकारी विभाग दूसरे को राज्य के सभी करदाताओं की सूची उपलब्ध करवाएगा, एक विभाग आधार नंबर की सूची लेकर मिलान करगा। जबकि सबके नंबर पहले से जन आधार और आधार से लिंक है। ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट बताएगा कि इनमें से कितनों के पास चार पहिया वाहन हैं। खाद्य सुरक्षा योजना से जुड़ने की शर्त यही है थी कि परिवार का कोई भी सदस्य सरकारी नौकरी वाला नहीं होनी चाहिए। परिवार का कोई भी सदस्य 10 हजार रूपए महीने ज्यादा कमाई करने वाला नहीं होना चाहिए। पक्का मकान और चार पहिया वाहन है तो उसे लाभ नहीं मिलेगा।

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