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कैसे प्रधानमंत्री हैं,10 साल बाद में मंगलसूत्र, भैंस, बेटी, मिट्टी छीनने का डर दिखा रहे हैं . अमराराम

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24 न्यूज अपडेट उदयपुर। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी ( मार्क्सवादी) जिला कमेटी, उदयपुर का 15 वां जिला सम्मेलन, 9 नवंबर 2024 को का. बशीलाल कलाल मंच, का. हीरालाल खराड़ी हाल, का. सीताराम येचुरी नगर के नाम से का. दुर्गादास शिराली भवन, माछला मगरा, उदयपुर में प्रारंभ हुआ। सम्मेलन का झंडारोहण का. दल्लाराम लऊर ने किया, शौक प्रस्ताव माकपा जिला सचिव राजेश सिंघवी ने रखा, जिसमें माकपा महासचिव का. सीताराम येचुरी, का. बुद्धदेव भट्टाचार्य, का. हीरालाल खराड़ी सहित अन्य हम दर्द साथियों, प्राकृतिक आपदाओं, साम्प्रदायिक हिंसा, आंतकवादी हमले में शहीद साथियों को 2 मिनट का मौन रखकर श्रृंद्वाजली अर्पित की गई। प्रतिनिधियों ने शहीद वेदी पर पुष्प अर्पित कर शहीदों को श्रृंद्वाजली अर्पित की।

सम्मेलन के संचालन के लिए अध्यक्षमंडल,संचालक मंडल सहित विभिन्न समितियों का चुनाव हुआ, पर्यवेक्षक माकपा राज्य सचिव व सीकर सांसद का. अमराराम, माकपा राज्य सचिवमंडल सदस्य का. किशन पारीक, का. दुलीचंद मीणा उपस्थित रहे। अध्यक्षमंडल में दल्लाराम लऊर, का. हाकरचंद खराड़ी, का. गणपति देवी सालवी, संचालन मंडल में राजेश सिंघवी, जगदीश पारगी, प्रभुलाल भगोरा, किशन पारगी, हीरालाल सालवी, मिनट्स – प्रेम पारगी, राजेंद्र वसीटा, प्रदीप सिंह, राव गुमान सिंह चुना गये।

सम्मेलन का विधिवत उद्वाटन करते माकपा राज्य सचिव व सीकर सांसद का. अमराराम ने कहां कि नरेंद्र मोदी देश के पहले प्रधानमंत्री है, जो 10 वर्ष बहुमत की सरकार चलाने के बाद भी बताने के लिए मंगलसूत्र, भैंस, बेटी, माटी छीन लेने का भय दिखाकर वोट लेने चाहते है। अब तक देश में बनी सरकारे चुनाव में जाती थी तो अपनी उपलब्धियों और विकास पर वोट मांगती थी। लोकसभा चुनाव में भी बांसवाड़ा में अल्पसंख्यक समुदाय का डर दिखा रहे तो झारखंड में बेटी और माटी छीन लेने का डर दिखाकर साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण की राजनीति कर रहे है। उदयपुर और राजस्थान में भी भाजपा – आर एस एस लगातार छोटे – मोटे अपराधिक घटनाओं को हिंदु – मुसलमान की लड़ाई बनाकर आगजनी, दंगे भड़का रही है। अब मोदी और भाजपा नेता महंगाई, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, किसानों की तंगी, मजदुरों की खराब आर्थिक स्थिति पर नहीं बोलते है। भ्रष्टाचार के नाम पर ईडी भेजकर भाजपा में शामिल किये जा रहे है, कंपनियों से कारोबार अडाणी – अंबानी को दिया जा रहा है। विदेश नीति के मुद्दे पर सरकार बार – बार फेल हो रहीं है। लोकसभा चुनाव में जनता ने मोदी की नाक में नकेल डाल दी,किंतु थोड़ी सी कमी रह गई थी।उन्होंने कहा कि माकपा को मुद्दे आधारित वाम – धर्मनिरपेक्ष दलों और लोगों को एकजुट कर सड़क पर लड़ना पड़ेगा, यह मुख्य जिम्मेदारी हमारी है।

उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए समाजवादी पार्टी नेता अर्जुन देथा ने कहा कि भाजपा सरकार जनता को मुर्ख बनाकर कार्पोरेट की जेब भर रही है। छतीसगढ़ से लेकर राजस्थान तक जल, जंगल और जमीन अडाणी – अबानी को दी जा रही है। देश में औधोगिक निवेश और रोजगार के नाम पर निराशा है। केंद्र सरकार के बाद राज्यों की सरकारें देशी- विदेशी पूंजीपतियों के आगे चक्कर लगा रही है, करोड़ों रुपये खर्च कर औधोगिक निवेश उत्सव मनाये जा रहे है, लेकिन पुंजीपति अपनी तिजोरियों में बंद कर बैठे है। उदयपुर के लोगों को ढंग की रोड़वेज बस नही मिल रहीं तो पुंजीपति बड़ी – बड़ी रियायते ले जा रहे है। सरकारें एक सपना दिखाकर, दुसरे सपने की तरफ बढ़ जाती है।

भाकपा (माले) राज्य सचिव का.शंकरलाल चौधरी ने कहां कि संविधान व लोकतंत्र पर खतरा टला है, खत्म नहीं हुआ है। लोकसभा चुनाव में भाजपा नेता 400 सीट लाकर संविधान बदलने का ख्वाब देख रहे थे, जिस इंडिया गठबंधन को समर्थन देकर जनता ने ब्रेक लगा दिया है। फिर भी भाजपा का सता में बने दुसरी तरह की चुनौती है, जिससे हमें लड़ना है। हाल ही बंटेगे तो करेगे और बहराइच दंगों जैसी राजनैतिक घटनाओं ने बताया कि भाजपा – आर एस एस अब और तेजी से साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण की कोशिश करेगी। बुल्डोजर न्याय पर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सुनवाई व रोक लगाने का फैसला स्वागत योग्य है, किंतु बुल्डोजर की राजनीति को भी नकारना पड़ेगा।

समाजवादी विचारक और वरिष्ठ पत्रकार हिम्मत सेठ ने कहा कि हमारे साम्प्रदायिक और साम्राज्यवाद दो बड़े दुश्मन है। गणेश शंकर विधार्थी से लेकर भगतसिंह तक सभी क्रांतिकारियों का यहीं संदेश है। आज देश में साम्प्रदायिकता और साम्राज्यवाद परस्त सरकार सत्ता में है तो यह खतरा और बढ़कर गया है। एक तरफ सड़कों के नाम बदलने को साम्राज्यवाद विरोधी कार्य बताया जा रहा है तो दुसरी तरफ बड़ी – बड़ी विदेशी पूंजीपतियों को भारी रियायतें देकर बुलाया जा रहा है। जनता को अपनी बदहाली पर गुस्सा नहीं आ जाये , इसके लिए जमकर साम्प्रदायिक झगड़े मीडिया और सोशल मीडिया के जरिये फैलाये जा रहे है।

भाकपा जिला सचिव सुभाष श्रीमाली ने बधाई संदेश देते हुए कहां कि कम्युनिस्टों का उपलब्धियों भरा इतिहास, जनता के बीच ले जाने की जरुरत है। उदयपुर में आदिवासी को लुट,शोषण से बचाने में का. बंशीलाल सिंघवी से लेकर मेघराज तावड़ सहित अनेक कम्युनिस्टों ने जीवन खपा दिया तो देश की आजादी में कानपुर षड्यंत्र केस से सुरजीत तक अनेक कम्युनिस्टों ने ब्रिटिश दमन झेला है। आज की देश की सत्ता पर आर एस एस का राज है, जिसने ब्रिटिश साम्राज्य के प्रति वफादार रही थी। यहीं फर्क आज की जनता को बताने की जरुरत है।

हेयर एण्ड ब्यूटी फेडरेशन इंडिया अध्यक्ष अशोक पालीवाल ने बधाई संदेश देते हुए कहा कि कोरोना के बाद 35% व्यापार खत्म हो गया है। कपड़ा उधोग से लेकर विर्निमाण क्षेत्र गिरावट में है। गलत जीएसटी ने भी व्यवसाय को समेट दिया है। इसके बावजूद मीडिया को दबाने व साम्प्रदायिकता के चलते लोग अपनी दुर्दर्शा के लिए सरकार की बजाय एक जाति, धर्म को जिम्मेदार मानकर दंगाई बन रहे है। हमें उन लोगों तक पहुंचकर संगठित करना होगा। कम्युनिस्टों के पास मजबूत संगठन ही एकमात्र औजार है।

भारतीय मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ( सयुक्त )केंद्रीय कमेटी सदस्य का. लीला शर्मा ने कहा कि मणिपुर और महिला अत्याचार पर मोदी की चुप्पी, खतरनाक स्थिति है। भाजपा शासित राज्य उतरप्रदेश महिला अत्याचार में देश में पहले नंबर है तो मणिपुर में अब तक हिंसा जारी है। जम्मु – कश्मीर में आंतकवादी हमले बढ़ रहे है। बिलकिस बानों के आरोपी और ब्लात्कार के अपराधी रामरहीम को छोड़ने का मामला हो या सहयोगी दलों का हो, प्रधानमंत्री चुप रहते है। चुनावी सभाओं में बेटियों की दुहाई देकर वोट चाहते है, जब जरुरत होती है, चुप हो जाते है।
उदयपुर के नागरिक आंदोलन कार्यकर्ता और शिक्षाविद प्रोफेसर हेमेंद्र चंडालिया ने बधाई संदेश देते हुए कहां कि नागरिक बोध की कमजोरी से लोकतंत्र में तंत्र हावी, लोक गायब हो जाता है। एक समय था जब राजनेता, जनता के लिए चिंता करते थे। आज चुनावों में भी फालतु मुद्दों और धनबल से सता प्राप्त कर ली जाती है। जीतने के बाद जनप्रतिनिधि गायब हो जाते है या राजा – महाराजाओं की तरह आते है। यह स्थिति लोकतंत्र की मूल भावना के खिलाफ है। कम्युनिस्ट पार्टी की जिम्मेदारी है कि जनता के बीच , लोकतंत्र में नागरिक होने की भावना पुनः जागृत करें। अंत में अतिथियों को धन्यवाद ज्ञपित कर अध्यक्षमंडल ने सत्र समाप्त किया।
प्रतिनिधि सत्र
भोजन के बाद सम्मेलन का दुसरा सत्र पुनः अध्यक्षमंडल की अध्यक्षता में प्रारंभ हुआ। माकपा जिला सचिव राजेश सिंघवी ने माकपा जिला कमेटी की तरफ से सांगठनिक – राजनैतिक रिपोर्ट पेशकर, पिछले 3 वर्षों का विवरण पेश किया। रिपोर्ट पर बहस के लिए, समय का आवंटन किया गया।
दुसरे दिन सम्मेलन कल 10 नवंबर 2024 को जारी रहेगा,जिसमें सचिव की रिपोर्ट पर बहस कर पारित की जाएगी। अंतिम सत्र में अगले 3 वर्षों के लिए जिला कमेटी, जिला सचिवमंडल, जिला सचिव व 13,14,15 दिसंबर 2024 को होने वाले माकपा राज्य सम्मेलन के प्रतिनिधियों का चुनाव किया जाएगा।

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